Benefits of Basil Leaves and Seeds in Hindi

 

“तुलसी, एक रामबाण औषधि के नाम से प्रसिद्ध है। ऐसी कोई बीमारी नहीं है जिसमे यह लाभ न देती हो, क्योंकि यह एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरी है। बुढापा थामने से लेकर, सूजन घटाने तक और दिल, जिगर, दिमाग समेत लगभग हर अंग को स्वस्थ और सबल बनाने हेतु एक तुलसी ही काफी है।”

 

Basil Leaves and Seeds in Hindi
तुलसी सर्व रोग औषधि है

Benefits of Basil Leaves and Seeds in Hindi: अगर लोगों से स्वास्थ्य के लिये सबसे आवश्यक किसी एक वनस्पति का चुनाव करने को कहें, तो सबके जेहन में शायद तुलसी का ही नाम उभरेगा। जो “सब रोगों की एक दवा” के उपनाम से मशहूर है। तुलसी को यह दर्जा लोगों ने वैसे ही नहीं प्रदान कर दिया है, बल्कि इसके अद्भुत औषधीय गुणों की संख्या इतनी अधिक है कि यह हर रोग के उपचार में, कुछ न कुछ लाभ अवश्य पहुँचाती है।

हमारे महान पूर्वजों और पूज्य ऋषियों को तुलसी के दिव्य गुणों के बारे में, प्राचीन काल से ही पूर्ण ज्ञान था। शायद यही कारण था कि हर हिंदू के घर में एक तुलसीदल का होना अनिवार्य था। इसके लाभों के प्रति लोग उदासीन न हो जाँय, इसीलिये इसके नियमित पूजन की भी व्यवस्था भी उन्होंने की थी। Benefits of Basil Leaves and Seeds in Hindi में आज हम आपको तुलसी के इन्ही फायदों के बारे में बतायेंगे।

तुलसी के विषय में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पौधा आसानी से हर जगह उगाया जा सकता है और इसे अधिक देख-रेख की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। हमारा तो यह मानना है कि स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के इच्छुक, हर स्त्री-पुरुष को अपने घर में, एक तुलसी का पौधा अवश्य ही रोपना चाहिये। यदि घर के भीतर स्थान न हो, तो एक गमले में या घर के बाहर मिटटी में, भी इसे आसानी से लगाया जा सकता है।

What is Basil in Hindi आखिर क्या है तुलसी

तुलसी का वैज्ञानिक नाम, ओसीमम बैसिलिकम (Ocimum basilicum) है। इसे अंग्रेजी में Great Basil या Saint-Joseph’s-wort कहते हैं। यह पुदीने के परिवार की ही वनौषधि है। तुलसी का पेड़ (Basil Plant), झाड़ी के रूप मे उगता है ओर 1 से 3 फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ, काले-बैंगनी रंग की आभा वाली तथा हलके रोयें से ढकी होती हैं।

तुलसी की पत्तियाँ (Basil Leaves), अंडाकार या आयताकार होती हैं। इसके फूलों की मंजरी, अत्यंत सुकोमल और 4 से 8 इंच लम्बी और बहुरंगी छटाओं वाली होती है। जिस पर बैंगनी और गुलाबी आभा वाले बहुत छोटे हृदयाकार पुष्प चक्रों में लगते हैं। पूरी दुनिया में तुलसी की 60 से भी ज्यादा प्रजातियाँ पायी जाती हैं।

Basil को अलग-अलग भाषाओँ में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे इसे हिंदी में तुलसी, तमिल में तुलसी, तेलगु में तुलसी अकुलु, कन्नड़ में तुलसी एलेगलु, मराठी में तुलसीसी पाने, मलयालम में तुलसी इलकल और बंगला में तुलसी पाता के नाम से पुकारा जाता है।

Basil Information in Hindi सबसे पवित्र है तुलसी का पौधा

तुलसी का वर्णन वेद-पुराणों सहित कई आयुर्वेद ग्रंथों में भी हुआ है और इसे 100 से भी ज्यादा बीमारियों के उपचार में लाभदायक बताया गया है। यही कारण है कि प्रत्येक घर में इसकी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था। तुलसी की जड़, तना, बीज, फूल और पत्तियाँ सभी कुछ बहुत गुणकारी होते हैं, इसीलिये तुलसी को वनौषधियों का राजा (Basil is King of Herbs) और शाही जड़ी-बूटी (Royal Herb) के नाम से संबोधित किया जाता है।

Basil शब्द की उत्पत्ति, यूनानी शब्द, बैसिलीकोन फूटन (Basilikón Phutón) से हुई है, जिसका अर्थ है – शाही पौधा (Royal or Kingly Plant)। तुलसी की उत्पत्ति का मूल स्थान, भारत माना जाता है, क्योंकि यह यहाँ पर पिछले 5,000 वर्षों से भी ज्यादा समय से उगायी जा रही है।

यही कारण है कि थियोफ्रास्तास जैसे प्राचीन यूनानी लेखक भी Basil से परिचित रहे हैं। तुलसी, दक्षिण एशियाई देशों जैसे इंडोनेशिया, कम्बोडिया, थाईलैंड, मलेशिया, बर्मा, लाओस, वियतनाम और ताइवान की रसोई का प्रमुख हिस्सा है।

Nutritional Facts about Basil Herb in Hindi

Basil in Hindi यह हैं तुलसी में उपस्थित पोषक तत्व

शारीरिक स्वास्थ्य के लिये तुलसी जितनी महत्वपूर्ण है, उससे कहीं ज्यादा महत्व इसका धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में है। किसी अन्य दिन समय मिलने पर, हम आपको तुलसी के उन अद्भुत आध्यात्मिक लाभों के बारे में बतायेंगे, जिन पर कोई भी व्यक्ति आसानी से विश्वास नहीं करेगा। आज तो हम तुलसी के सिर्फ उन गुणों के बारे में चर्चा करेंगे, जो स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभदायक हैं।

तुलसी के पौधे (Basil Plant) में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं और शायद ही दूसरी कोई ऐसी वनौषधि हो, जो गुणों में इसका मुकाबला कर सके। तुलसी में कई प्रकार के शक्तिशाली जैव रसायन पाये जाते हैं, जिनमें ट्रैनिन, सैवोनिन, ग्लाइकोसाइड और एल्केलाइड्स प्रमुख हैं।

हालाँकि यह कितने प्रभावशाली हैं, इस विषय में अभी तक, इनका पूरी तरह से विश्लेषण नहीं हो पाया है। तुलसी का प्रमुख सक्रिय तत्व है, एक प्रकार का पीला वाष्पशील तेल, जिसकी मात्रा और संगठन, स्थान व समय के अनुसार बदलते रहते हैं। तुलसी के पौधे (Basil Plant) में 0.1 से 0.3 प्रतिशत तेल पाया जाना सामान्य बात है।

Basil in Hindi तुलसी के बीजों में पाया जाता है तेल

वैल्थ ऑफ इण्डिया के अनुसार, इस तेल में लगभग 71 प्रतिशत यूजीनॉल, 20 प्रतिशत यूजीनॉल मिथाइल ईथर तथा 3 प्रतिशत कार्वाकोल होता है। श्यामा तुलसी की अपेक्षा, श्री तुलसी में तेल की अधिक मात्रा पायी जाती है तथा इस तेल का सापेक्षिक घनत्व भी कुछ अधिक होता है। लेकिन तुलसी के बीजों (Basil Seeds) में, यह हरे पीले रंग का तेल, अधिक मात्रा (लगभग 17.8 प्रतिशत) में पाया जाता है।

इस तेल के मुख्य घटक हैं – सीटोस्टेरॉल, पामिटिक, स्टीयरिक, ओलिक, लिनोलक और लिनोलिक अम्ल जैसे अनेकों वसा अम्ल। इनके अलावा तुलसी के बीजों में श्लेष्मक भी काफी ज्यादा होता है। इस म्युसिलेज में मुख्य रूप से पेन्टोस, हेक्जा यूरोनिक अम्ल और भस्म पायी जाती है।

अगर आपके पास तुलसी के ताजे पत्ते (Fresh Basil Leaves) न हो, तो आप इसकी सूखी हुई पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके पास इसका पौधा उपलब्ध हो, तो हमेशा तुलसी के ताजे पत्तों का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि यह ज्यादा गुणकारी होते हैं। 100 ग्राम ताज़ी तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा इस प्रकार है –

Amazing Health Benefits of Basil Leaves in Hindi

Basil is A Wonder Drug in Hindi: तुलसी एक रामबाण औषधि के नाम से प्रसिद्ध है। ऐसी कोई बीमारी नहीं है जिसमे Basil लाभ न देती हो, क्योंकि यह एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरी है। बुढापा थामने से लेकर, सूजन घटाने तक और दिल, जिगर, दिमाग समेत लगभग हर अंग को स्वस्थ और सबल बनाने हेतु एक तुलसी ही काफी है। आइये अब जानते हैं तुलसी के अविश्वसनीय लाभों (Benefits of Basil Leaves and Seeds in Hindi) के बारे में –

1. आपके दिल के स्वास्थ्य के लिये बहुत अच्छी है तुलसी

Basil is Good for Your Heart in Hindi: तुलसी विटामिन A की बहुत ही अच्छी स्रोत है, क्योंकि इसमें बीटा कैरोटिन जैसे कैरोटिनोइडस की उच्च मात्रा पायी जाती है। बीटा कैरोटिन को प्रो-विटामिन A भी कहते हैं, क्योंकि यह विटामिन A में बदला जा सकता है। सच कहें तो बीटा कैरोटिन, विटामिन A की तुलना में कहीं ज्यादा शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है।

यह फ्री रेडिकल्स के डैमेज से सिर्फ एपिथेलीयल कोशिकाओं की ही सुरक्षा नहीं करता, बल्कि इन मुक्त कणों से, रक्तप्रवाह (ब्लडस्ट्रीम) में कोलेस्ट्रोल के होने वाले आक्सीकरण को भी रोकता है। आक्सीकरण होने पर ही कोलेस्ट्रोल धमनियों में जमने लगता है। जिससे आगे चलकर एथेरोस्केलोरोसिस की समस्या पनप जाती है, जिसका परिणाम गंभीर दिल के दौरे या स्ट्रोक के रूप में देखने को मिलता है।

तुलसी स्ट्रोक के खतरे को कम करती है और रिकवरी में तेजी लाती है। फिर चाहे इसे स्ट्रोक के आने से पहले दिया जाय या बाद में। तुलसी मैग्नीशियम का भी अच्छा स्रोत है, जो माँसपेशियों और रक्त वाहिनियों को शिथिल करके दिल के स्वास्थ्य (Cardiovascular Health) को बेहतर बनाता है।

इससे रक्त प्रवाह सुधरता है और दिल की अनियमित धड़कन या दिल की माँसपेशियों में खिंचाव का खतरा कम होता है। इसके अलावा Basil में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाये जाते हैं जो दिल का विशेष ख्याल रखते हैं। तुलसी, LDL कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करके, अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर बढाती है।

2. शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स का प्रचुर स्रोत है तुलसी

Basil has Powerful Antioxidant Properties in Hindi: तुलसी में Powerful Antioxidants होते हैं जो Free Radicals से होने वाली क्षति से बचाते हैं और कोशिकाओं और DNA की संरचना को सुरक्षित रखते हैं। इसमें पाये जाने वाले ओरियनटिन (Orientin) और विसेनिन (Vicenin) दो पानी में घुलनशील फ्लेवेनोईडस एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो कोशिकाओं और क्रोमोसोम की फ्री रेडिकल्स, विकिरण और आक्सीकरण से होने वाले नुकसान से सुरक्षा करते हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं फ्री रेडिकल्स का खतरा, अस्थमा, ओस्टियोआर्थराइटिस और गठिया जैसे रोगों में भी देखने को मिलता है। तुलसी में पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन, कोशिकाओं की आगे होने वाली क्षति से सुरक्षा करके, इन समस्याओं को आगे बढ़ने से रोक सकता है।

जर्नल ऑफ एडवांस्ड फार्मेसी एजुकेशन एंड रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ओसिमम बैसिलिकम के एथेनोल सार में कई स्टैण्डर्ड एंटीऑक्सीडेंटस की तुलना में, कहीं ज्यादा शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट क्षमता होती है। हिंदुओं के धार्मिक जीवन के एक अभिन्न अंग के रूप में शामिल रही पवित्र तुलसी (Holy Basil), कैंसर जैसे महारोग में भी लाभ देती है और वातावरण को शुद्ध करती है।

3. कैंसर जैसे जानलेवा रोग के खतरे से बचाती है तुलसी

Basil Keeps Cancer at Bay in Hindi: तुलसी कई प्रकार के कैंसर की भी रोकथाम करती है, क्योंकि इसमें कैंसर से लड़ने वाले तत्व होते हैं। यह स्तन, बड़ी आंत और पैंक्रियास के कैंसर को रोकती है और ट्यूमरजेनिसिटी और मेटास्टेसिस के असर को कम करती है। सन 2013 में प्रकशित हुए एक रिव्यु में, Basil की कैंसर को रोकने की सामर्थ्य का परीक्षण हुआ था।

उसके अनुसार, तुलसी में उपस्थित यूजेनॉल, रोजमैरिनिक एसिड, एपिगेनिन, माय्रटेनल, लुटेओलिन, बीटा-सीटोस्टेरोल और कार्नोसिक एसिड जैसे फायटोकेमिकल्स कैंसर को रोकने में प्रभावशाली भूमिका निभाते हैं। यह तत्व त्वचा, यकृत, मुँह और फेफड़ों के कैंसर को भी रोकने में मदद कर सकते हैं।

पर तुलसी ऐसा करती कैसे हैं? दरअसल यह तत्व, इसकी एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी को बढ़ा देते हैं, जीन की अभिव्यक्ति को बदल देते हैं, कोशिकाओं के विभाजन की रफ़्तार को कम करते हैं और कोशिकाओं की मृत्यु होने पर त्वरित संकेत देते हैं।

4. विटामिन और मिनरल्स का शानदार स्रोत है तुलसी

Basil is A Great Source of Vitamins and Minerals in Hindi: तुलसी में लगभग 24 प्रकार के मिनरल्स व विटामिन्स पाये जाते हैं, जो शरीर की रोजाना की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, कैंसररोधी व एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भी भरपूर है। कुछ अध्ययन में पता चला है कि तुलसी के तेल में फिनोलिक यौगिकों की उच्च मात्रा उपस्थित होती है।

इसके अलावा तुलसी में फ्लेवोनोईडस और अन्थोसायनिन्स जैसे पोलीफिनोल्स भी उपस्थित होते हैं। स्विट्ज़रलैंड के फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुए के शोध में पता चला है कि तुलसी में BCP (Beta-caryophyllene) होता है, जो गठिया, Inflammatory Bowel Syndrome और आर्थराइटिस जैसी समस्याओं में उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

Basil स्वाद में चटपटी, उष्ण प्रकृति वाली, कड़वी, अग्निप्रदीपक, पित्त वर्धक, हृदय के लिये हितकारी, मूत्रकृच्छ, कोढ़ और रक्तविकार मिटाने वाली तथा वात-कफ नाशक औषधि है।

5. डायबिटीज को नियंत्रित करने में लाभदायक है तुलसी

Basil Controls Diabetes in Hindi: मधुमेह के रोगियों के लिये भी तुलसी काफी फायदेमंद है। क्योंकि इसके सेवन से इन्सुलिन का प्रवाह सामान्य होता है और फास्टिंग ब्लड शुगर और ट्राईग्लिसराइड का स्तर सुधरता है। तुलसी में ट्राइटरपेन, सैपोनिन व फ्लेवोनोइड्स जैसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हाइपोग्लाइसेमिक के रूप में काम करते हुए, ब्लड शुगर के बढे हुए स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते है।

एक अध्ययन में जब टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित 60 लोगों को 3 महीने तक मधुमेह की दवाई के साथ, पवित्र तुलसी के सार की 250 मिग्रा मात्रा नाश्ते और रात के खाने के बाद दी गयी, तो सिर्फ दवाई लेने की तुलना में उनकी ब्लड शुगर के औसत स्तर में 18% की कमी पायी गयी थी।

6. शरीर का एनर्जी लेवल बढाती है तुलसी

Basil Improves Energy Level in The Body in Hindi: अगर आपको अपने शरीर में अक्सर उर्जा की कमी महसूस होती हो और इसका कोई उपचार न मिल रहा हो, तो रोजाना तुलसी, शतावर और अश्वगंधा युक्त दूध का सेवन करें। इससे आपके शरीर में आयी कमजोरी दूर होगी और आप खुद को पूरा दिन एक्टिव रखने में सफल रहेंगे। तुलसी में उपस्थित विटामिन्स, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर आपके शरीर को पोषण देंगे, फिर चाहें आप तुलसी का सेवन सूप में करें या सलाद में।

Incredible Benefits of Basil Leaves and Seeds in Hindi

7. मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाती है तुलसी

Basil is An Immunity-booster Natural Medicine in Hindi: चूँकि तुलसी प्रबल जीवाणुनाशक गुणों से भरपूर है, इसीलिये यह Immunity को सशक्त बनाने में अत्यंत प्रभावी है। यह संक्रमण पैदा करने वाली बीमारियों से सुरक्षा करती है। तुलसी का वाष्पशील तेल, एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर है और यह लिस्टेरिया मोनोसायटोजींस, स्टेफीलोकोकस औरेअस, ई. कोलाई, यर्सिनिया एंटेरोकोलिटिका और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा जैसे कई जीवाणुओं की वृद्धि को रोकने में प्रभावशाली पाया गया है।

तुलसी की पत्तियों से निकाले जाने वाले तेल में यह सामर्थ्य होती है कि वह उन रोगकारक बैक्टीरिया की कई प्रकार की प्रजातियों को भी रोक सकता है जो सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक दवाइयों के प्रति प्रतिरोधकता विकसित कर लेते हैं। सितम्बर 2003 में जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी मेथड्स में प्रकाशित एक अध्ययन में खुलासा हुआ था कि –

तुलसी का साररुपी तेल, स्टेफीलोकोकस, स्यूडोमोनास और एंटेरोकोक्कस प्रजाति के बैक्टीरिया के स्ट्रेंस को रोक सकते हैं। यह सभी जीवाणु न केवल ज्यादातर जगह पर पाये जाते हैं, बल्कि आज इनके कारण इलाज में गंभीर मुश्किलें भी खडी होने लग गयी हैं। क्योंकि इन्होने एंटीबायोटिक ड्रग्स के उपचार के विरुद्ध, उच्च स्तर की प्रतिरोधकता विकसित कर ली है और यह जल्दी से मारे नहीं मरते।

8. मानसिक तनाव की समस्या को ख़त्म करती है तुलसी

Basil Boosts Your Mental Health in Hindi: तुलसी जिन्सेंग की ही तरह तनाव को दूर रखने में मददगार है, क्योंकि इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण पाया जाता है। खरगोशों पर हुए एक शोध में, उन्हें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के संपर्क में लाया गया था और फिर उन्हें 30 दिनों तक 2 ग्राम तुलसी की ताज़ी पत्तियाँ दी गयी थीं। इससे उनकी रक्त शर्करा का स्तर कम हुआ था। तुलसी के सेवन से लगातार तनाव के बने रहने से होने वाली डिप्रेशन की समस्या में कमी आती है।

तनाव के कम से कम 3 लक्षणों से पीड़ित 158 लोगों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया था कि छह सप्ताह तक, पवित्र तुलसी के सार की 1200 मिग्रा मात्रा लेने से तनाव के सामान्य लक्षणों (General Stress Symptoms) को कम करने में बहुत मदद मिली थी और एक प्लेसिबो की तुलना में इसे 39 प्रतिशत ज्यादा प्रभावी पाया गया था।

जब तुलसी को अरोमापैथी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो यह ध्यान और एकाग्रता (Mental Alertness) की क्षमता को बढाती है और मतिभ्रम तथा स्मृतिनाश की समस्या में आशातीत लाभ देती है।

9. जल्दी हमला करने वाले बुढ़ापे को दूर रखती है तुलसी

Basil has Anti-aging Properties in Hindi: तुलसी, तनाव और वृद्धावस्था से होने वाली याददाश्त की कमी में लाभ देती है। मैनचेस्टर की ब्रिटिश फार्मास्यूटिकल कांफ्रेंस में प्रदर्शित हुई एक खोज में यह सिद्ध हुआ है कि तुलसी उम्र बढ़ने के कुछ हानिकारक प्रभावों को कम कर सकती है। पवित्र तुलसी का सार, हानिकारक अणुओं को खत्म करने और कुछ फ्री रेडिकल्स द्वारा Liver, Brain और Heart में होने वाली क्षति को थामने में प्रभावशाली सिद्ध हुआ है।

महाराष्ट्र के पूना कॉलेज ऑफ फार्मेसी के डा. वैभव शिंदे ने, इस वनौषधि के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एजिंग गुणों का अध्ययन करने के पश्चात बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में इस जड़ी को परंपरागत यौवन वर्धक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, जो बिल्कुल सही है।

10. बालों के झड़ने की समस्या को दूर करती है तुलसी

Basil Helps in Development of Shiny Hair in Hindi: जिनके बाल बहुत ज्यादा झड़ते हों, ऐसे लोगों को केमिकल युक्त शैम्पू का प्रयोग करने से बचना चाहिये, अन्यथा स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। उन्हें तुलसी और दही का प्रयोग करते हुए बालों के लिये हर्बल शैम्पू तैयार करना चाहिये और उसके पश्चात गाय के शुद्ध देशी से सिर की मालिश करनी चाहिये।

दोनों के सम्मिलित प्रभाव से कुछ ही दिनों में न सिर्फ बालों के झड़ने की समस्या दूर हो जायेगी, बल्कि वह पहले से भी ज्यादा मजबूत, सिल्की, काले और घने हो जायेंगे। तुलसी रूखे और बेजान बालों को खूबसूरत भी बनाती है। रूखे और दोमुंहे बाल आजकल के इस प्रदूषित वातावरण में बहुत आम हो चले हैं और कमोबेश ज्यादातर स्त्रियाँ इनसे परेशान हैं।

उपर दिये हुए नुस्खे के अलावा, एक अन्य नुस्खा भी इस समस्या के उपचार में कारगर हो सकता है। तुलसी के पत्तों का सार, नारियल के तेल में मिलाकर, तब उससे अपने बालों की मालिश करें। इससे आपके बाल लम्बे, काले और चमकदार बनेंगे।

11. चेहरे को जवां और खूबसूरत बनाती है तुलसी

Basil Makes Your Face Beautiful in Hindi: जो लोग सौंदर्य प्रसाधनों से एलर्जी होने के चलते, इनका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं, वह तुलसी का प्रयोग करके देखे। दूध, तुलसी, चंदन और हल्दी को अच्छी तरह पीसकर इसका फेसपैक बनायें और अपने चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाकर रखें। उसके बाद अपने चेहरे को निर्मल जल से धो लें। आपका चेहरा खिल उठेगा। Basil का पेस पैक, एक कुदरती फेसियल है।

अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण, यह चेहरे को एक खास चमक देता है। इससे न सिर्फ गहरे और काले धब्बे धीरे-धीरे हलके पड़कर मिटने लगेंगे, बल्कि आपके चेहरे की स्किन पर भी काफी ग्लो आ जायेगा। नींबू के रस में पत्तों का अर्क मिलाकर, चेहरे पर लगाने से भी काले दाग दूर होते है और चेहरे की चमक और सुन्दरता बढ़ जाती है।

12. मुँहासों को भी दूर करने की क्षमता रखती है तुलसी

Basil can Heal Pimples in Hindi: तुलसी मुँहासों की समस्या को भी दूर कर सकती है। आपमें से ज्यादातर पाठक जानते ही होंगे कि मुँहासों की समस्या का ज्यादातर सामना, तैलीय त्वचा वाले लोगों को ही करना पड़ता है। मुँहासों का मुख्य कारण है –  त्वचा के रोम छिद्रों का बंद हो जाना, जो अक्सर फंगस या जीवाणुओं के हमले के कारण होता है।

तुलसी के पत्तों का रस, न सिर्फ इन सूक्ष्म रोमकूपों को खोलता है, बल्कि चेहरे पर मुँहासे के कारण बने घावों या निशानों को मिटाने में भी मदद करता है। तुलसी के रस में उपस्थित जीवाणुनाशक तत्व, बैक्टीरिया को मारकर उन्हें त्वचा पर से हटा देते हैं।

31 Surprising Benefits of The Basil Leaves in Hindi

13. शरीर में आई उत्तेजना और सूजन में कमी लाती है तुलसी

Basil Reduces Inflammation in The Body in Hindi: तुलसी में सूजन को कम करने का गुण (Anti-inflammatory Property) होता है। यह शरीर के किसी भी अंग में आयी हुई शोथ में लाभ पहुँचाती है। रॉयल फार्मास्यूटिकल सोसाइटी की वार्षिक बैठक में प्रदर्शित किये गये एक अध्ययन में पाया गया है कि पवित्र तुलसी के सार के प्रयोग से, उपचार के 24 घंटे पश्चात, सूजन को 73 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिलती है।

खास बात यह है कि तुलसी के सूजन पर पड़ने वाले प्रभावों का असर उतना ही था, जितना कि डाईक्लोफिनाक नामक सूजन कम करने वाली दवाई (Anti-inflammatory Medicine) का, जो आर्थराइटिस के उपचार में व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है। तुलसी के तेल में पाये जाने वाले यूजेनोल (Eugenol) तत्व के उपर कई शोध किये जा रहे हैं।

क्योंकि यह तत्व, शरीर में COX (Cyclooxygenase) नामक एंजाइम की एक्टिविटी को बंद कर सकता है। कई NSAID दवाइयाँ (Non-steriodal Over-the-counter Anti-inflammatory Medications) जिनमे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली एसीटामिनोफेन (Acetaminophen) दवाई शामिल हैं, इसी एंजाइम को रोककर अपना काम करती हैं।

तुलसी में पाया जाने वाला यूजेनोल, इस हर्ब को एक एंटी-इन्फलेमेटरी आहार बनाता है जो IBS और गठिया (Rheumatoid Arthritis) जैसे रोगों में लाभ दिला सकता है। जर्नल ऑफ बोन रिपोर्ट्स एंड रिकमेन्डेशन्स में प्रकाशित एक अध्ययन में भी यही निष्कर्ष निकाला गया है कि बीटा-कैरियोफिल्लेन, Inflammation से जुडी कुछ बीमारियों के उपचार में उपयोगी सिद्ध हो सकता है। इस संबंध में आर्थराइटिस से पीड़ित चूहों पर परीक्षण किये गये थे।

14. मोटापे की समस्या को दूर करती है तुलसी

Basil Aids in Weight Management in Hindi: जिन लोगों का वजन बढ़ रहा हो या जो मोटापे की समस्या से पीड़ित हों, ऐसे लोगों को तुलसी का अधिक सेवन करना चाहिये। कई लोगों की हर समय कुछ न कुछ खाने की आदत होती है और ऐसे में वह जरुरत से ज्यादा ही खा जाते हैं। इससे धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है, पर चूँकि तुलसी, कोर्टिसोल के स्तर में कमी लाती है, इसीलिये यह बेलगाम भूख पर नियंत्रण लगा सकती है।

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त लोगों के एक समूह को प्रतिदिन 250 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस दिया गया था। 2 सप्ताह के पश्चात, उनके लिपिड स्तर व बीएमआई की जाँच करने पर उसमे काफी सुधार पाया गया। इससे पता चलता है कि तुलसी वजन को नियंत्रित करने में भी कारगर है।

वजन कम करने के लिये तुलसी के पत्तों को, पुदीने के पत्तों के साथ उबालकर, हर्बल चाय तैयार कर लें। फिर इसमें नींबू का रस मिला लें और पी जायें।

15. आँखों की कई समस्याओं को दूर करती है तुलसी

Basil can Treat Numerous Eye Problems in Hindi: तुलसी, आँखों की कई समस्याओं को दूर कर सकती है। यह कंजक्टिवाइटिस, आँखों की जलन, खुजली आदि में लाभ देती है। इसमें उपस्थित एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, आँखों के रेटिना की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करते हैं। तुलसी में उपस्थित विटामिन A और बीटा कैरोटिन की उच्च मात्रा, आँखों के लिये बड़ी लाभदायक है।

तुलसी के ताजे अर्क से, आँखों में आयी सूजन और रतौंधी यानि Night Blindness के रोग में आराम मिलता है। तुलसी के अर्क को पानी में उबालकर, आसानी से तैयार किया जा सकता है। रात को सोने से पहले इस अर्क की दो-दो बूँदें डालें और सो जाँय, आराम होगा। इस प्रयोग के लिये श्याम तुलसी का अर्क ज्यादा फायदेमंद है।

16. साँसों की बदबू को दूर करने में प्रभावी है तुलसी

Basil is A Great Oral Health Solution in Hindi: अपने एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण, तुलसी मुँह की अनेकों समस्याओं को दूर करने में काम आती है। अगर सरसों के तेल में तुलसी की सूखी पत्तियों के चूर्ण को मिलाकर दांत साफ किये जाय, तो इससे सांसों की दुर्गध चली जाती है। तुलसी का अर्क, मसूड़ों की सूजन और पायरिया की समस्या को दूर करने में भी मददगार है। तुलसी दाँतों को नुकसान पहुँचाने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से भी रोकती है।

17. हानिकारक कीटाणुओं से बचाती है तुलसी

Basil Protects from Harmful Insects in Hindi: परंपरागत चीनी चिकित्सा पद्धति और भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति में तुलसी का उपयोग, कीड़ों के काटने के इलाज में किया जाता रहा है। यह मच्छरों और जूओं जैसे कीटों को दूर भगाती है। घर में तुलसी के बीजों के बने तेल का छिडकाव करने से मच्छर दूर ही रहते हैं।

इसके अलावा सिर में इसका तेल लगाने से जुएँ जल्दी ही मर जाती है। अपने जीवाणुनाशक गुणों के कारण, तुलसी भोजन की सुरक्षा को बढाती है, इसलिये निर्माता इसका इस्तेमाल फूड पैकेजिंग में करते हैं।

18. स्मरण शक्ति को बेहतर बनाती है तुलसी

Basil Improves Memory Power in Hindi: तुलसी मस्तिष्क के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करके, इसकी क्षमता बढाती है। यह बच्चे, बूढ़े और जवान सबकी याददाश्त तेज करती है, विशेषकर विद्यार्थियों के लिये यह बहुत फायदेमंद है। तुलसी के इस्तेमाल से उद्वेग और मन की अस्थिरता मिटती है। इसके लिये तुलसी की 10 से 11 पत्तियाँ, शहद के साथ लें। जिन लोगो को चक्कर आने की समस्या है, उन्हें शहद और तुलसी के पत्तो का रस मिलाकर चाटना चाहिये, लाभ होगा।

19. सिरदर्द से छुटकारा मिलता है तुलसी के सेवन से

Basil can Cure Headache in Hindi: तुलसी के पत्तों में उपस्थित प्रशामक गुण, आपको सिर दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं। अगर किसी कारण से आपके सिर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा हो या फिर आधा-सीसी या माइग्रेन का दर्द रह-रहकर आपको परेशान करता हो, तो तुलसी की हर्बल चाय प्रतिदिन पीजिये और ऐसा कम से कम 30 दिन तक करिये। इससे न सिर्फ आपका सिरदर्द बहुत जल्द सही हो जायेगा, बल्कि सिर के भारीपन से छुटकारा मिलने से बहुत आराम भी महसूस होगा।

Wonderful Benefits of Basil Leaves in Hindi

20. श्वास रोगों में बहुत ही लाभदायक है तुलसी

Basil is Highly Beneficial in Respiratory Problems in Hindi: आजकल इस प्रदूषित वातावरण में श्वास रोग आम हो चले हैं। सिर्फ भारत में ही, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, श्वास नली की एलर्जी, साइनस आदि के करोड़ों रोगी हैं। अगर यह लोग अपनी औषधियों और परहेज के साथ-साथ तुलसी का भी प्रयोग करें, तो इन्हें अपनी बीमारी से जल्दी छुटकारा मिल सकता है। शहद, अदरक का रस और तुलसी का रस, यह तीनों, सभी प्रकार के श्वास रोगों में बड़ा लाभ देते हैं।

यहाँ तक कि दमे की प्रथम और मध्यम अवस्था में सिर्फ इनका सेवन करने से भी रोग दूर हो सकता है, बशर्ते नियमित योगाभ्यास किया जाय और खान-पान में संयम बरता जाय। तुलसी सभी तरह की खाँसी के उपचार में लाभदायक है। 15-20 तुलसी के पत्ते, 5 से 7 काली मिर्च और 2 लौंग को दिन में दो-तीन बार चूसने से, खाँसी की तीव्रता में बड़ा आराम मिलता है।

अस्थमा और साँस की नली की एलर्जी की शिकायत दूर करने के लिये, यह घरेलू उपचार किया जा सकता है – 40-50 तुलसी के पत्ते, 10 ग्राम अदरक, 11 काली मिर्च, 5 लौंग, और 5 इलायची लेकर, उन्हें कूट-पीस लें और फिर इन्हें एक चम्मच शहद के साथ दिन में तीन बार लें। इसे लेने के आधे घंटे बाद तक कुछ न खायें-पीयें। इस प्रयोग को सर्दियों के मौसम में कम से कम 40 दिनों तक करना चाहिये और आहार में पूर्ण संयम बरतना चाहिये।

21. पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद है तुलसी

Basil is also Helpful in Male Infertility Problems in Hindi: तुलसी बांझपन और नपुंसकता जैसी समस्यायों का भी इलाज करने में भी सक्षम है। यह पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को बढाती है। जिन पुरुषों के बीर्य में शुक्राणुओं की कमी हो गयी हो या फिर उनकी क्वालिटी सही नहीं हो, तो उन्हें रात को सोते समय, तुलसी के बीजों का चूर्ण, पीसी हुई मिश्री के साथ, गौ के दूध के साथ 40 दिनों तक लेना चाहिये।

इससे नपुंसकता, शुक्राणुहीनता और स्वप्नदोष की समस्या दूर होती है। इसके अलावा तुलसी का रस, स्त्रियों के मासिक धर्म की अनियमितता को भी दूर करता है, लेकिन इसे गर्भावस्था के शुरूआती महीनों में नहीं लेना चाहिये।

22. कई प्रकार के उदर रोगों में भी कारगर है तुलसी का रस

Basil Keeps Your Digestive System Healthy in Hindi: तुलसी आपके पाचन संस्थान के लिए प्रभावशाली कुदरती औषधि है। इसकी पत्तियों का रस पेट में दर्द या ऐंठन को कम करता है। इसके लिये समान भाग अदरक का रस और तुलसी का अर्क मिलाकर पीयें। यह IBS, अम्लपित्त, कब्ज, बवासीर और अल्सर के रोग में भी लाभ देती है। तुलसी के पत्ते एसिडिटी के साथ-साथ, दस्त में भी लाभ देते हैं।

इसके अलावा तुलसी की पत्तियाँ, मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में भी सुधार लाती हैं। तुलसी का रस, भोजन से पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में मदद करता है, पाचन प्रक्रिया में सुधार लाता है और बोवेल मूवमेंट्स को बेहतर करता है। यह आँतों में उपस्थित अच्छे बक्टेरिया की संख्या में भी वृद्धि करता है।

तुलसी में Hepatoprotective Properties होती हैं और यह यकृत से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर इसे स्वस्थ रखती है। तुलसी आपकी आँतों को एस्पिरिन से होने वाले नुकसान से बचाती है और विशेषकर अल्सर को रोकती है।

23. सर्दी-जुकाम की समस्या में बहुत फायदेमंद है तुलसी

Basil Protects from Cold and Flu in Hindi: इस बारे में तो शायद किसी भी व्यक्ति को संदेह नहीं होगा कि तुलसी खाँसी-जुकाम की सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक और घरेलू औषधि है। क्योंकि भारत में सर्दियों के मौसम में तो लगभग हर घर में, इस नुस्खे का इस्तेमाल होता है। तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पीने से या सुबह-शाम 10-15 पत्ते खाने से, 3-4 दिन में ही मौसमी नजले-खाँसी से छुटकारा मिल जाता है।

तुलसी की पत्तियों में कफनाशक गुण होता है। यह मलगम और शरीर में पैदा होने वाली श्लेष्मा की मात्रा में कमी लाती है, बहती नाक की समस्या को दूर करती है और जुकाम से होने वाले सिर के भारीपन को हर लेती है। लगभग सभी आयुर्वेदिक और कई एलोपैथिक कफ सिरप बनाने में भी तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब घर में ही इतनी अच्छी और निशुल्क दवाई उपलब्ध हो, तो फिर पैसे खर्च करने की क्या जरुरत है?

24. दाद-खाज-खुजली की समस्या को ख़त्म करती है तुलसी

Basil can Help in Many Skin Problems in Hindi: गर्मियों और बरसात के मौसम में, दाद-खाज और खुजली की समस्या बहुत आम है। इसके लिये तुलसी की पत्तियों का स्वरस निकालकर, उन्हें प्रभावित स्थान पर लगाना चाहिये। अपने एंटीबायोटिक गुणों के कारण, यह बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन को समाप्त करती हैं। तिल के तेल में तुलसी का अर्क मिलाकर गर्म कर लें और फिर इसे दाद वाले स्थान पर लगाये।

कुछ ही दिनों में दाद चले जायेंगे। अगर तिल का तेल नहीं मिले, तो नींबू के रस का भी प्रयोग किया जा सकता है। श्यामा तुलसी के पत्तों का अर्क तो इतना प्रभावशाली है कि इसे ल्यूकोडर्मा या सफ़ेद दाग के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। त्वचा पर लगाने के साथ-साथ, अगर तुलसी को खाया भी जाय, तो जल्दी लाभ संभव है, क्योंकि तुलसी रक्त को भी शुद्ध करती है।

25. कान के दर्द को भी दूर करती है तुलसी

Basil Helps in Treating Ear Pain in Hindi: अगर आपके कान में दर्द हो रहा है या फिर इसमें पस पड़ गयी है, तो तुलसी को घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी के पत्तों का रस निकालकर, उसे सरसों के तेल में मिलाकर गर्म कर लें, या सीधे ही तुलसी के पत्ते इसमें डालकर उबाल लें। जब यह तेल ठंडा हो जाय, तो काम में दो तीन बार 4-4 बूँद तेल डालें।

सरसों के तेल के स्थान पर, आप तिल के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। तुलसी के अर्क को, लहसुन के रस में मिलाकर, कान में डालने से भी मवाद का बहना रुक जाता है और दर्द में आराम मिलता है। आप चाहे तो तुलसी के रस में कपूर को डालकर गर्म करके रख लें और फिर इसे ठंडा करके कान में डालें, दर्द में आराम मिलेगा।

Mind Blowing Tulsi Benefits in Hindi तुलसी के फायदे

26. बुखार को दूर करने में बहुत फायदेमंद है तुलसी

Basil is A Potent Medicine in All Fevers in Hindi: तुलसी हर प्रकार के बुखार की प्रभावशाली औषधि है। अपने Antipyretic गुणों के कारण, यह ज्वर की तीव्रता को कम करती है और तापमान बढ़ने पर होने वाली बेचैनी से भी छुटकारा दिलाती है। यह मौसमी बुखार से लेकर, मलेरिया, डेंगू, सन्निपात ज्वर, चिरकाल तक रहने वाले पुराने बुखार और क्षय से होने वाले बुखार तक में लाभ देती है।

ज्यादातर बुखार में शरीर का तापमान बढ़कर 102 से 103 डिग्री तक हो जाता है। इसके साथ ही शरीर में बेचैनी, दर्द, अधिक प्यास का लगना, सिर हाथ व पैरों में पीड़ा आदि लक्षण भी तेजी से उभरने लगते हैं। बुखार को दूर करने के लिये कई प्रकार के नुस्खे प्रयोग में लाये जाते हैं –

Basil in Hindi तुलसी से बुखार दूर करने के नुस्खे

★ मलेरिया बुखार में तुलसी की जड़, तुलसी के पत्ते और तुलसी के फूलों को कूटकर, इनका स्वरस निकाल लें। फिर 1 ग्राम पीसी हुई काली मिर्च के साथ, दिन में 5-6 बार रोगी को 2-2 घंटे के अन्तराल पर दें, लाभ होगा।

★ 11 काली मिर्च को पीस लें और 41 तुलसी के पत्तों का रस निकालकर, इसमें मिला लें। फिर इसे तीन सम भागों में बाँटकर, शहद के साथ दिन में 3 बारे लें, इससे ज्वर में लाभ होता है।

★ तुलसी के पत्तो में एक विशेष प्रकार का वाष्पशील तेल होता है जो कीटाणुओं और जीवाणुओं को मारकर वायु को शुद्ध करता है। यह तेल मलेरिया के मच्छरों का भी नाश करता है।

★ सन्निपात ज्वर में तुलसी, बेल और पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाकर, रोगी को दिन में 3-4 बार पिलायें, बहुत लाभ होता है।

★ दस ग्राम तुलसी की ताज़ी जड़ लेकर, उसे पानी में उबाल लें और दिन में तीन-चार बार पीयें, इससे रक्त भी शुद्ध होता है।

★ वर्षा और शरद ऋतु में प्रतिदिन तुलसी की 11 से 21 पत्तियाँ लेने से मौसमी बुखार से बचाव होता है।

27. गुर्दों में पथरी की समस्या को भी दूर सकती है तुलसी

Basil can Heal Kidney Stone Problems in Hindi: तुलसी के रस का शहद के साथ सेवन करने से, गुर्दे (Kidney) की पथरी में लाभ मिलता है। क्योंकि यह पथरी का निर्माण करने वाले यूरिक एसिड को ज्यादा बनने से रोकती है और इसे ख़त्म करके, पथरी को फोड़कर शरीर से बाहर निकलने में मदद करती है। इतना ही नहीं, तुलसी स्टोन प्रॉब्लम के कारण, पेट में उठने वाले दर्द में भी राहत देती है, क्योंकि इसमें एनलजेसिक गुण होता है।

इसके अलावा तुलसी एक शानदार डिटोक्सिफायर तो है ही, साथ ही यह मूत्रल भी है। यह ज्यादा और खुलकर पेशाब लाने में सहायता करती है। इससे आपकी Kidney और Bladder की अच्छी तरह से सफाई भी हो जाती है।

28. गले की खराश को भी दूर करती है तुलसी

Basil Treats Sore Throat in Hindi: मौसम में बदलाव होने, कमजोर इम्यून सिस्टम होने, ठंडी चीजें खाने या फिर एलर्जी के कारण, कभी-कभी गले में खराश पैदा हो जाती है। इसकी वजह से न तो कुछ खाया-पिया जाता है और न ही सही प्रकार से बोला जाता है।

इसे दूर करने के लिये तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीना चाहिये। इससे गले की खराश दूर होकर, गला खुल जाता है, क्योंकि तुलसी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं। तुलसी के पानी से गरारा करने पर, यह बंद गले को खोलकर वहाँ आयी सूजन को कम करती हैं।

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