Best Nature Quotes in Hindi: प्रकृति

 

“उन लोगों के लिये जो डरे हुए हैं, अकेले हैं या उदास हैं, सबसे अच्छा उपचार यह है कि वे कहीं बाहर चले जाँय, किसी ऐसे स्थान पर जहाँ वे शांत हो सकें, जन्नत, कुदरत और ईश्वर के साथ। क्योंकि केवल तभी कोई यह महसूस कर सकता है कि सब कुछ वैसा ही है जैसा कि इसे होना चाहिए और यह कि ईश्वर प्रकृति के सरल सौंदर्य के बीच लोगों को खुश देखना चाहते हैं। मुझे द्रढ़ विश्वास है कि कुदरत सभी मुसीबतों के बीच भी राहत ले आती है।”
– ऐनी फ्रैंक

 

Nature Quotes in Hindi
कुदरत की गोद में जाकर हर इंसान शांति पा सकता है

ऐसा शायद ही कोई दुःख होगा जिसे प्रकृति की दिव्य, नीरव और शांतिपूर्ण गोद में बैठकर दूर न किया जा सके। सांसारिक उलझनों और भागदौड़ से भरी विचित्र जिंदगी में जब कभी हमारा मन उचटने लगता है, हमारा अंतर्मन एक अनकही व्यथा से तड़पने लगता है, तो यह प्रकृति माता की ही मीठी छुअन होती है जो इसे तुरंत उदासीनता, बेचैनी और खिन्नता की बाड से निकालकर आनंद और सुख के स्वर्गीय राज्य में ले आती है।

जब कभी हम अन्दर से अशांत हो उठते हैं और अपनी इस उबन को मिटाने को बाहर दूर नीले आसमान को, झूमते पेड़ों को और चहचहाती चिड़ियों को निहारने लगते हैं, तो पीड़ा के बादल छंटते देर नहीं लगती। लहलहाते खेतों को, हँसते फूलों को और बाहें पसारे पेड़ों को देखकर किसका मन नहीं झूम उठता। बस मन करता है कि जाकर उनके आगोश में लिपट जाँय और वही आनंद, वही उत्साह हममे भी भर जाय।

कल-कल बहती नदियों को, गरजते सागर को, और उफनती नदियों को देखकर किसका मन हिलोरें नहीं मारने लगता। बस मन करता है कि हम भी इन उत्तांग तरंगों के हमसफ़र बन जाँय। ऊँचे पहाड़ों को, गहरी घाटियों को देखकर किसका मन है जो उबन महसूस करे, उनकी ताजगी को खुद से अछुता रख ले।

प्रकृति के दिव्य राज्य में सब कुछ आनंदमय है। यहाँ जहाँ भी पीड़ा, पतन और दुःख है, वह सब हमारा ही बोया है। अपने ही बनाये इस कृत्रिम समाज, संसार से जब हम उबने लगते हैं, तो उसी कुदरत की गोद में शांति पाते हैं जिसके साये में जीना हमने बरसों पहले छोड़ दिया। कंक्रीट के जंगल आज तक किसे शांति दे सकें हैं जो हम इनमे पाने चले हैं।

आज तक जिस किसी ने भी स्वर्गीय आनंद की, अनुपम सौंदर्य की और परम उदारता की झलक पायी है तो वह उसे बस कुदरत की स्नेहमयी गोद में ही मिल सकी है। प्रकृति के सान्निध्य में जो भी रहा है उसने अपना जीवन हंसी-ख़ुशी ही बिताया है। यकीन न हो तो पशु-पक्षियों को देख लीजिये जो अपना जीवन पूर्ण निर्द्वंध और शांतिपूर्ण स्थिति में गुजारते हैं

और हम जो विकसित व श्रेष्ठ प्राणी होने का दंभ भरते हैं; सुखों और पीडाओं के चक्रव्यूह में घिरे हैं। कुदरत की नायाब नेमतों से हर किसी की जिंदगी खुशगँवार बनी है और इन प्रसिद्द व्यक्तियों ने भी अपने अनमोल विचारों के जरिये प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का प्रयास किया है –

 

Heaven above was blue and earth beneath was green; the rivers glistened like a path of diamonds in the sun; the birds poured forth their songs from the shady trees; the lark soared high above the waving corn and the deep buzz of insects filled the air.

ऊपर स्वर्ग नीला था और नीचे धरती हरे रंग में रंगी थी; नदियाँ सूरज की रौशनी में हीरों से जड़े रास्ते जैसी झिलमिला रही थी; पंछी छायादार पेड़ों से लगातार अपने गीतों की तान छेड़े हुए थे; लवे लहराते हुए मक्कों के ऊपर ऊंचाई पर मंडरा रहे थे और हवा कीटों के घने गुंजन से भरी हुई थी।

– Anonymous अज्ञात

 

Climb the mountains and get their good tidings. Nature’s peace will flow into you as sunshine flows into trees. The winds will blow their own freshness into you, and the storms their energy, while cares will drop away from you like the leaves of Autumn.

पर्वतों पर चढिये और उनका उत्तम सन्देश पाइये। कुदरत की शांति आपमें उसी तरह से आएगी जैसे धूप पेड़ों में प्रवाहित होती है। हवाएँ अपनी खुद की ताजगी आपके अन्दर फूँक देंगी और तूफान अपनी ताकत, जबकि चिंताएँ आपसे शरद ऋतु की पत्तियों की तरह दूर हो जाएँगी।

– John Muir जॉन मुइर

 

Reading about nature is fine, but if a person walks in the woods and listens carefully, he can learn more than what is in books, for they speak with the voice of God.

प्रकृति का अध्ययन करना अच्छी बात है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति जंगलों में घूमे और ध्यान से सुने, तो वह उससे कहीं ज्यादा सीख सकता है जो किताबों में लिखा हुआ है, क्योंकि वे भगवान की आवाज़ के साथ बोलते हैं।

– George Washington Carver जॉर्ज वाशिंगटन कार्वर

 

Look deep into nature, and then you will understand everything better.

प्रकृति में गहराई से देखिये और तब आप हर चीज अच्छी तरह समझ जायेंगे।

– Albert Einstein अल्बर्ट आइंस्टीन

 

It is not so much for its beauty that the forest makes a claim upon men’s hearts, as for that subtle something, that quality of air, that emanates from old trees, that so wonderfully changes and renews a weary spirit.

यह उनके सौंदर्य की वजह से इतना अधिक नहीं है कि जंगल लोगों के दिलों पर अधिकार कर लेते हैं, जितना कि वह कुछ सूक्ष्म, हवा की वह विशेषता जो पुराने पेड़ों से निकलती है, जो एक थकी-माँदी आत्मा को इत

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