Famous Albert Einstein Quotes in Hindi

 

प्रत्येक वस्तु निर्धारित है, उसका प्रारम्भ भी और अंत भी, उन बलों द्वारा जिन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। यह एक कीट के लिए भी निर्धारित है, और एक सितारे के लिए भी। मनुष्य हों या चाहे ब्रह्माण्डीय धूल, हम सभी एक सुर में दूर एक अद्रश्य मुरलीवाले की, रहस्यमयी धुन पर नाचते हैं।
– अल्बर्ट आइंस्टीन

Famous Albert Einstein Quotes in Hindi
दृष्टिकोण की कमजोरी आगे चलकर चरित्र की कमजोरी बन जाती है

आज 14 मार्च है और आज ही के दिन 20वीं सदी के सबसे महान वैज्ञानिक कहे जाने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म हुआ था आइंस्टीन को बचपन में एक मंद बुद्धि छात्र समझा जाता था लेकिन बाद में अपने परिश्रम और प्रबल जिज्ञासा के बल पर वह एक ऐसे अपार प्रतिभाशाली विज्ञानी बने जिसकी खोजों ने संसार का स्वरुप बदलकर रख दिया आज हम उसी असाधारण मेधा क्षमता के धनी वैज्ञानिक के उन विचारों को आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें इतनी ऊँचाइयों पर पहुँचाया।

कुदरत में गहराई से झांककर देखिये और तब आप हर चीज अच्छी तरह से समझ जायेंगे।

बुद्धिमानी की असली पहचान ज्ञान नहीं, बल्कि कल्पना है।

जीवन साईकिल चलाने जैसा है अपना संतुलन साधने के लिये आपको हर हाल में चलते रहना पड़ेगा।

कामयाब आदमी बनने की कोशिश मत करिये, बल्कि एक काबिल इन्सान बनने का प्रयास कीजिये।

हम अपनी मुश्किलों को उसी सोच के सहारे नहीं सुलझा सकते हैं जिसे हमने उन्हें पैदा करने के लिये इस्तेमाल किया था।

समझदारी और बेवकूफी में बस इतना ही अंतर है कि समझदारी की सीमाएँ होती हैं, पर बेवकूफी की नहीं।

जो कोई भी छोटी चीज़ों के मामलों में लापरवाह है, उस पर बड़े कामों में विश्वास नहीं किया जा सकता।

रचनात्मक अभिव्यक्ति और ज्ञान में ख़ुशी जगाना एक शिक्षक की सर्वश्रेष्ठ कला है।

आप गुरुत्वाकर्षण को प्यार में पड़ने के लिये जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं।

केवल दो ही चीज़ें अनंत हैं – ब्रह्मांड और मानवीय मूर्खता, और मै पहले वाली के बारे में निश्चित नहीं हूँ।

मुझमे कोई विशेष योग्यता नहीं है, मै बस ह्रदय से जिज्ञासु हूँ।

ज्ञान का एकमात्र स्रोत अनुभव है।

अतीत से सीखिये, आज में जीयें, कल की आशा करें जरुरी बात है सवाल पूछना बंद नहीं करना।

दृष्टिकोण की कमजोरी चरित्र की कमजोरी बन जाती है।

एक इन्सान जिसने अपनी जिंदगी में कभी गलती नहीं की है, कभी कुछ नया करने का प्रयास भी नहीं किया है।

तर्क आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकता है लेकिन कल्पना आपको हर जगह ले जा सकती है।

जब एक बार हम अपनी सीमाओं को स्वीकार कर लेते हैं, हम उनसे ऊपर चले जाते हैं।

भगवान के सामने हम सभी एक जैसे बुद्धिमान हैं – और उतने ही मूर्ख।

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