Meaning and Facts about The Human Liver in Hindi

 

“Liver (यकृत) के बारे में माना जाता है कि यह शरीर के दूसरे अंगों के साथ मिलकर 500 से भी ज्यादा अलग-अलग कार्यों को अंजाम देता है। वर्तमान में ऐसा कोई कृत्रिम अंग या उपकरण नहीं है जो लीवर के सभी कार्यों को कर सके। हालाँकि लीवर फेल होने की दशा में इसकी कुछ क्रियाएँ थोड़े समय तक लीवर डायलिसिस से संपन्न की जा सकती है, लेकिन जीवन को बरकरार रखने के लिये लीवर ट्रांसप्लांट अनिवार्य है।”

 

Liver Meaning and Facts in Hindi
यकृत मानव शरीर का पॉवर हाउस है

 

Liver Meaning in Hindi में आज हम आपको लीवर के अर्थ के साथ-साथ, मानव यकृत की अद्भुत संरचना और इसके बेजोड़ कामों के बारे में भी बतायेंगे, क्योंकि हमारा यकृत, शरीर का ऐसा अंग है जिसके बिना एक दिन भी जीना बेहद मुश्किल है। क्योंकि शरीर को उर्जा देने का काम और जहरीले पदार्थों की सबसे पहले सफाई का काम भी इसी अंग के जिम्मे है।

Liver Meaning in Hindi लीवर का अर्थ

Liver का अर्थ (Meaning) है – यकृत, जिगर या कलेजा। लीवर शरीर के पाँच Most Vital Organs में से एक है। बाकी के चार अंग हैं – मस्तिष्क, ह्रदय, फेफड़ें, और गुर्दे। वैसे तो अग्नाशय, आँतें और शरीर के दूसरे अंग भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनका क्रम इनके बाद ही आता हैं। इन सभी अंगों के बारे में हम आपको धीरे-धीरे अगले लेखों में बतायेंगे।

लेकिन Liver Meaning in Hindi में आज हम आपको सिर्फ यकृत से संबंधित उन अनोखे तथ्यों के बारे में बतायेंगे, जिन्हें जानना न सिर्फ आपके लिये बहुत जरुरी है, बल्कि जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। मानव शरीर का प्रत्येक अंग अपनी कार्यक्षमता, संरचना और सहनशक्ति, समेत हर दृष्टि से अद्भुत है।

इंसानों द्वारा बनायीं गयी मशीनों से यदि इसके किसी भी भाग की तुलना की जाय, तो दुनिया में शायद ही कोई ऐसी मशीन आज तक बनी होगी, जो इतने लंबे समय तक इतनी कुशलता से चौबीसों घंटे काम कर सके। यह देखकर लगता है कि मानव शरीर कितना दिव्य उपहार है जो इंसानों को ईश्वरीय कृपा से हासिल हुआ है। शरीर के उन्ही कुछ सबसे अद्भुत अंगों में से एक है हमारा लीवर।

जिसके बारे में आप संभवतया ज्यादा न सोचते हों। क्योंकि यह आपके शरीर में गहराई में छिपा है, लेकिन आपकी जिंदगी इसी अंग के बल पर चल रही है। आप मनचाहा और स्वादिष्ट भोजन बस इसी अंग के दम पर खा पाते हैं और जब Liver काम करना बंद कर देता है तो पानी तक पचा पाना आपके लिए बेहद मुश्किल हो जाता है। तो चलिये अब जानते हैं अपने अद्भुत यकृत से जुड़े कुछ शानदार और अविश्वसनीय तथ्यों के बारे में –

Location of Liver in Hindi यकृत का स्थान

1. मानव यकृत (Human Liver), पेरिटोनियम (Peritoneum) के बाहर, उदरगुहा (पेट का वह खाली स्थान जहाँ पाचन संस्थान के अंग अवस्थित हैं) में सबसे ऊपर, डायाफ्राम (Diaphragm) के ठीक नीचे, विशेष रूप से दाहिनी ओर अवस्थित होता है। हालाँकि आप इसे पसलियों (Ribs) के नीचे से स्पर्श नहीं कर सकते हैं।

2. Liver के ऊपर फेफड़ें, इसके ठीक नीचे पित्ताशय (Gallbladder), बायीं तरफ अग्नाशय और नीचे की ओर आँतें अवस्थित होती हैं। यकृत के मुलायम होने से दूसरे अंगों के दाब चिन्ह इस पर पड़ते हैं, पर फिर भी यह अपना आकार बनाये रखता है। यह साँस लेने और छोड़ने के साथ-साथ हिलता रहता है, क्योंकि यह फेफडों के बिल्कुल नीचे सटकर स्थित होता है।

3. Liver का नुकीला भाग बायीं ओर रहता है तथा इसका निचला तल, चारों ओर पतले किनारे से घिरा रहता है। उदर गुहा के दूसरे अंग इसी तल से संबद्ध रहते हैं। यकृत एक पतले और लचीले आवरण में सुरक्षिर रहता है और इसका अधिकांश भाग पेरिटोनियम की एक परत से ढका रहता है।

Structure of The Human Liver in Hindi

शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है यकृत

4. Liver is The Largest Internal Organ of Body: यकृत त्वचा के बाद शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है, लेकिन यह शरीर के सभी आंतरिक अंगों में सबसे बड़ा और सबसे भारी अंग है। यह गहरे लाल भूरे रंग का फनल के आकार (Wedge-shaped) वाला एक बड़ा कोमल अंग है जो रक्त से भरा रहता है। इसके चारों किनारे असमान माप और आकार के होते हैं।

5. यकृत के चार हिस्से (Lobes) होते है, जिसमें से दायाँ और बायाँ हिस्सा बेहद स्पष्टता से नजर आते हैं। दायाँ हिस्सा, बायें हिस्से से काफी बड़ा होता है। फल्सिफोर्म लिगामेंट (अस्थि बंधक तंतु) यकृत को दायें और बायें हिस्से में बांटता है। यकृत की लम्बाई 17.5 सेमी, ऊँचाई 16 सेमी और चौड़ाई लगभग 15 सेंटीमीटर होती है।

6. मानव कोशिकाओं में लगभग 20000 प्रोटीन जीन (Protein Coding Genes) पाये जाते हैं और इनमे से 60 प्रतिशत यानि 12 हजार जीन एक सामान्य और व्यस्क यकृत में अभिव्यक्त होते हैं। इनमे से भी 400 से ज्यादा जीन यकृत में बहुतायत से उपस्थित होते हैं।

Size of Liver in Hindi यकृत का आकार

7. लीवर में 96 प्रतिशत पानी होता है और यह पानी इसके अन्दर की कोशिकाओं और रक्त में रहता है। Liver का वजन शरीर के भार का लगभग 1/50वां हिस्सा होता है। वैसे तो शरीर के भार से इसके भार का अनुपात, स्त्री-पुरूषों में एक ही होता है, लेकिन यह आयु के अनुसार बदलता रहता है।

8. जैसे बालकों में इसका भार, शरीर के भार का 1/20 वां हिस्सा होता है। एक व्यस्क मनुष्य के Liver का औसत वजन लगभग 1500 ग्राम होता है, लेकिन यह उनके शरीर के भार के अनुसार 1200 ग्राम से लेकर 2200 ग्राम तक हो सकता है।

9. हमारे शरीर को अपने प्रत्येक 1 किग्रा भार के लिए 1 ग्राम लीवर की आवश्यकता होती है, ताकि यह सही प्रकार से अपना काम कर सके।

Blood Vessels of Liver यकृत की रक्त वाहिनियाँ

10. हेपेटिक हीलियम में अनुप्रस्थ दिशा में एक 5 सेंमी0 लंबा छिद्र/हिस्सा होता है जिसे Porta Hepatics (निर्वाहिका यकृत) कहते हैं। दो बड़ी रक्त वाहिनियाँ (Blood Vessels) – यकृत् धमनी (Hepatic Artery) और निर्वाहिका शिरा (Portal Vein) तथा पित्त नलिका (Common Bile Duct) यहीं से यकृत् में प्रवेश करती हैं, जबकि संयुक्त यकृत वाहिनी और लसिका वाहिनियाँ बाहर निकलती हैं।

11. यकृत धमनी, उदरगुहा (Coeliac) धमनी की शाखा है। यकृत शिराएँ (Hepatic Veins) रक्त को अध: महाशिरा (Inferior Vena Cava) में ले जाती है। लसिकावाहिनियाँ, यकृत शिराओं और निर्वाहिका शिरा के साथ जाती हैं। यकृत की Sympathetic तथा Parasympathetic तंत्रिकाएँ, सीलक जाती तथा वेगस तंत्रिका से आती हैं।

12. हेपेटिक आर्टरी और पोर्टल वेन दोनों ही यकृत में रक्त पहुँचाती हैं, लेकिन जहाँ हेपेटिक आर्टरी, महाधमनी (Aorta) के माध्यम से सीधे ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त को यकृत में ले जाती है, वहीँ निर्वाहिका शिरा, पूरे गैस्ट्रोइनटेस्टिनल ट्रैक्ट से अवशोषित किये गये पोषकतत्व युक्त रस से मिश्रित रक्त को Liver में लाती है।

13. इसमें उदर व छोटी तथा बड़ी आंत में पचे हुए भोजन का सार, और प्लीहा (स्प्लीन) तथा अग्न्याशय (पैंक्रियास) से निकले रस भी शामिल हैं।

Liver in Hindi ऐसी होती है यकृत की संरचना

14. जब यह दोनों रक्त वाहिनियाँ यकृत में पहुँचती हैं, तो यह तब तक कई भागों में बंटती चली जाती हैं, जब तक कि यह बहुत छोटी-छोटी Capillaries (सूक्ष्म रक्त नलिका) में नहीं बदल जाती हैं। इन्हें Liver Sinusoids कहते हैं और यह प्रत्येक रक्त नलिका/केशिका एक लोब्युल में जाती है। यह लोब्युल (Lobules) ही Liver की कार्यकारी इकाइयाँ (Functional Units) होती हैं, और इन्हें नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है।

15. लीवर लोब्युल का आकार षटकोणीय होता है और प्रत्येक लोब्युल, लाखों हेपेटिक कोशिकाओं (Hepatic Cells), जिन्हें हेपेटोसाइट्स (Hepatocytes) कहते हैं, से बना होता है। यह हेपेटोसाइट्स ही आधारभूत चयापचयशील कोशिकाएँ (Basic Metabolic Cells) होती हैं जो चयापचय की क्रिया को अंजाम देती हैं।

16. यह Lobules एक दूसरे से एक महीन, घनीभूत, अनियमित और लचीले उतकों की परत (Fibroelastic Connective Tissue Layer) से साथ-साथ बंधे रहते हैं। यकृत की संरचना के सूक्ष्म अध्ययन से पता चला है कि यकृत कोशिकाएँ (Liver Cells) मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं – पैरेंचीमल कोशिकाएँ (Parenchymal Cells) और नॉन-पैरेंचीमल कोशिकाएँ (Nonparenchymal Cells).

17. लीवर के वजन का 70 से 80 प्रतिशत भाग पैरेंचीमल हेपेटोसाइट्स से बना होता है। हालाँकि नॉन-पैरेंचीमल कोशिकाएँ यकृत की सभी कोशिकाओं का 40 प्रतिशत होती हैं, फिर भी यह लीवर के सिर्फ 6.5 प्रतिशत भार के लिये उत्तरदायी होती है।

Amazing Facts about Human Liver in Hindi

शरीर में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन इस्तेमाल करता है यकृत

18. Liver को रक्त की आपूर्ति दो रक्त वाहिनियों से होती हैं, जिन्हें Hepatic Portal Vein और Hepatic Arteries कहा जाता है। हेपेटिक आर्टरी शुद्ध रक्त को और पोर्टल वेन, गेस्ट्रोइन्टेस्टिनल ट्रैक्ट से निकले रस मिश्रित रक्त को यकृत में लाती है।

19. जहाँ हेपेटिक पोर्टल वेन, लीवर को कुल रक्त के 75 प्रतिशत भाग की आपूर्ति करती है, वहीँ हेपेटिक आर्टरी बाकी बचे 25% रक्त को यकृत में पहुँचाती है।

20. हमारा लीवर शरीर की कुल ऑक्सीजन का 20 प्रतिशत भाग इस्तेमाल करता है। ऑक्सीजन की आपूर्ति इन दोनों रक्त नलिकाओं से बराबर-बराबर मात्रा (प्रत्येक के द्वारा 50%) में होती हैं।

21. हमारा लीवर हार्मोन तोड़ने (Hormone Breakdown) का प्राथमिक स्थान है। यह एस्ट्रोजन और टेस्टोंस्टेरोन जैसे हार्मोन्स को तोड़कर उन्हें पित्त में बदल देता है।

Development of Liver कैसे होता है गर्भ में यकृत का विकास

22. गर्भ में भ्रूण के अन्दर यकृत का निर्माण चौथे-पाँचवे सप्ताह में ही शुरू हो जाता है। बढ़ते हुए भ्रूण के अन्दर उसके यकृत तक रक्त पहुँचने का बड़ा स्रोत गर्भ शिरा (Umbilical Vein) होती है, जो प्रतिदिन बढ़ते भ्रूण को पोषक तत्व पहुँचाती है।

23. हालाँकि भ्रूण का यकृत (Fetus Liver), सामान्य पाचन प्रक्रिया (Normal Digestive Process) और अशुद्धि दूर करने की प्रक्रिया (Filtration) को संपन्न नहीं करता, क्योंकि बच्चे का शरीर गर्भनाल के माध्यम से सीधे माँ के शरीर से ही जरुरी पोषक तत्व प्राप्त करता है।

24. भ्रूण का यकृत कुछ Blood Stem Cells भी उत्पन्न करता है जिससे उनके शरीर में T-सेल्स पैदा होती है। लेकिन जन्म के तुरंत बाद रक्त की स्टेम सेल्स का निर्माण लाल रक्त मज्जा (Red Bone Marrow) में होने लगता है।

25. बच्चे के जन्म से 2 से 5 दिन बाद गर्भशिरा पूरी तरह से विलुप्त हो जाती है और यकृत का गोल लिगामेंट बन जाती है। सिरोसिस और पोर्टल हाइपरटेंशन की बीमारी में गर्भशिरा (Umbilical Vein) दोबारा से खुल सकती है।

26. जन्म के समय एक नवजात शिशु के Liver का वजन उसके शरीर के भार का 4 प्रतिशत होता है, लेकिन इसका वजन मात्र 120 ग्राम होता है।

पुनर्निर्माण की अद्भुत सामर्थ्य होती है यकृत में

27. Liver has Incredible Capacity to Regenerate and Sustain Severe Damage: Liver मानव शरीर का एकमात्र ऐसा अंग है जिसमे पुनर्निर्माण की अनोखी सामर्थ्य होती है। यह लगातार अपना पुनर्निर्माण कर सकता है किसी चोट या बीमारी के कारण इसका कोई भाग नष्ट होने पर, यह उन खोये हुए Tissues (उतकों) की बहुत जल्दी भरपाई कर लेता है। यदि यकृत का सिर्फ 25% भाग ही बचा हुआ है तो भी इस बचे हुए हिस्से में इतनी क्षमता होती है कि यह उससे ही पूरा Liver बना सकता है।

28. लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि Liver को अपना वैसा ही पूर्ववत आकार प्राप्त हो जायेगा, जैसा कि यह क्षति से पहले था, बल्कि इसे अपने कार्यों को पूरा करने के लिये आवश्यक उतने ही भाग की पुनः प्राप्ति हो जायेगी। हमारे शरीर का दूसरा कोई भी अंग ऐसा करने में समर्थ नहीं है।

29. जैसे जिन लोगों को यकृत नष्ट हो जाने की वजह से लीवर ट्रांसप्लांट की जरुरत पड़ती है, उन्हें स्वस्थ व्यक्ति का आधा यकृत काटकर लगा दिया जाता है। इसके बावजूद दाता बिल्कुल स्वस्थ जीवन जी सकता है, क्योंकि उसका आधा बचा यकृत वृद्धि करके फिर से पूरा बन जाता है। लेकिन यकृत के बायें हिस्से की जैसी नुकीली आकृति होती है, वह फिर नहीं रहती।

दुनिया की सबसे जटिल मशीनों में से एक है लीवर

30. Liver is The Most Complex Supermachine in The World: यकृत, मानव शरीर की तो सबसे बड़ी प्रयोगशाला है ही, अगर इसके कार्यों पर ध्यान से दृष्टि डालें तो पायेंगे कि यह दुनिया की सबसे जटिल मशीन से भी ज्यादा जटिल है। आखिर ऐसी कौन सी मशीन है जो सिर्फ 15 सेमी का आकार होने के बावजूद 500 से भी अधिक महत्वपूर्ण कार्यों को संपन्न करती हो।

31. जिसमे रिजनरेशन की अदभुत खासियत हो और जो दिन-रात बिना रुके, बिना थके काम करती हो। निःसंदेह ऐसी कोई मशीन नहीं है जो कार्यक्षमता में इसकी बराबरी कर सके। यही कारण है कि ज्यादातर विशेषज्ञ लीवर की तुलना, बहुत तेज प्रोसेसिंग क्षमता वाले सुपर कंप्यूटर से करते हैं।

Liver in Hindi मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि है यकृत

32. Liver is The Largest Gland in The Body: मानव शरीर में कुल मिलाकर 50 से भी ज्यादा Glands होती हैं, जिनमे यकृत सबसे बड़ी ग्रंथि है। इसके बाद ही पैंक्रियास (अग्नाशय), हायपोथैलेमस, पीयूष, थायराइड, पैराथायराइड, एड्रिनल, पीनियल और जनन ग्रंथियां (Reproductive Glands) का नाम आता है।

33. Liver शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है, जो पित्त (Bile) का निर्माण करती है। पित्त, यकृती वाहिनी उपतंत्र (Hepatic Duct System) तथा पित्तवाहिनी (Bile Duct) द्वारा ग्रहणी (Duodenum), तथा पित्ताशय (Gall Bladder) में चला जाता है।

Functions of The Human Liver in Hindi

Liver in Hindi शरीर का पावरहाउस (बिजलीघर) है यकृत

34. Liver is The Powerhouse of Body: यकृत मानव शरीर का बिजलीघर है। यकृत के अन्दर ही इंसुलिन और दूसरे हार्मोन्स को तोडा जाता है। जिगर ही Albumin को उत्पन्न करता है जो कि Blood Serum में उपस्थित सबसे प्रमुख प्रोटीन होता है। यह Fatty Acids और स्टेरॉयड हार्मोन के लिये एक परिवहन का काम करता है। Liver ही Insulin-like Growth Factor 1 (IGF-1), को जो कि एक पौलीपेप्टाइड प्रोटीन है, उत्पन्न करता है।

35. यह बचपन में वृद्धि के लिये आवश्यक होता है।  शरीर के हर अंग की उर्जा की आवश्यकता को Liver ही पूरा करता है। यकृत ही शरीर को कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाता है। कार्बोहाइड्रेट ज्यादातर भोजन जैसे – फल, दूध, ब्रेड आदि में पायी जाती है। यकृत अधिकांश कार्बोहाइड्रेट को एक प्रकार की शर्करा जिसे ग्लूकोस कहते हैं, में बदल देता है।

36. यह ग्लूकोज ही हमारे शरीर की कोशिकाओं के ईंधन का मुख्य स्रोत है। Liver अतिरिक्त ग्लूकोस को ग्लाईकोजेनेसिस (Glycogenesis) के जरिये ग्लाईकोजन (Glycogen) में संश्लेषित करके इकट्ठा कर लेता है। यह ग्लाईकोजन, मानव शरीर के लिये किसी Backup Fuel की तरह है।

जब हमारे शरीर को अचानक ज्यादा उर्जा की आवश्यकता होती है या किसी इन्सान की रक्त शर्करा (Blood Sugar) का स्तर गिर जाता है, तो Liver उस Glycogen को वापस ग्लूकोस में बदल देता है और रक्त प्रवाह (Blood Stream) में छोड़ देता है।

चयापचय की प्रक्रिया का जन्मदाता है यकृत

37. Liver is The Father of The Metabolism Process: यकृत, मेटाबोलिज्म प्रक्रिया का मुख्य अंग है। यही इस जटिल प्रक्रिया को सही प्रकार से पूर्ण करने के लिये उत्तरदायी है। Liver, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, एमिनो एसिड और लिपिड के चयापचय में एक बड़ी भूमिका अदा करता है। लीवर प्रोटीन को एमिनो एसिड्स में तोड़ता है और विटामिन A, D, K, B1 और आयरन को संरक्षित रखता है।

38. हमारे शरीर की 80 प्रतिशत कोलेस्ट्रोल का निर्माण यकृत ही करता है, उस वसा के द्वारा जिसे हम खाते हैं। इसके अलावा लीवर कोलेस्ट्रोल का संश्लेषण करता है और ट्राईग्लिसराइडस (Triglycerides) का निर्माण करता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि कोलेस्ट्रोल बेकार चीज होती है, लेकिन ऐसा नहीं है, बल्कि यह तो आपके शरीर की कोशिकाओ के निर्माण के लिये बहुत जरुरी होता है।

39. लीवर कई हार्मोन्स के निर्माण में भी शामिल होता है। जानकारी के लिये बता दें कि यह हार्मोन्स शरीर के लिये एक संदेशवाहक की तरह होते हैं, जिनके बिना आपके शरीर के कई अंग अच्छी तरह से Communicate करने में सफल नहीं होंगे।

40. इसके साथ ही शरीर के लिपोप्रोटीन्स (Lipoproteins) का बड़ा भंडार भी Liver में संश्लेषित होता है। Liver से निकलने वाला पित्त, भोजन से विटामिन K को अवशोषित करने में मदद करता है।

Liver in Hindi रक्त का निर्माण करता है हमारा यकृत

41. Liver is The Producer of Blood: अगर हमारा शरीर खड़ा है और चल फिर रहा है, तो इसकी वजह है – रक्त। रक्त के बिना हमारा शरीर एक मिनट के लिए भी जिन्दा नहीं रह सकता है और Liver ही मानव शरीर के भीतर जीवन द्रव्य के रूप में बहने वाले इस रक्त का निर्माण करता है। हालाँकि जन्म लेने के पश्चात रक्त कणिकाओं (RBC) का निर्माण हड्डियों की अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में होने लगता है, लेकिन रक्त के अन्य घटकों का निर्माण Liver में ही होता है।

42. हेपेटिक आर्टरी में प्रवाहित होने वाले शुद्ध रक्त और पोर्टल वेन के उच्च पोषकतत्व युक्त रक्त का सम्मिश्रण यकृत में ही होता है। सभी जानते हैं कि रक्त का कृत्रिम तरीके से निर्माण करना अभी तक संभव नहीं हो पाया है। इस दृष्टि से देखें तो बिना यकृत के मनुष्य का जीवित रह पाना कतई संभव नहीं है। Liver ही खून के थक्के बनाने में मदद करता है। यही कारण है कि जब कभी आपके शरीर पर कोई चोट लगने के कारण खून निकलने लगता है, तो थोड़ी ही देर में उसका बहना रुक जाता है।

विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है यकृत

43. Liver Expells Toxins from The Body: चयापचय (Metabolism) की जटिल प्रक्रिया के दौरान शरीर के लिये आवश्यक जीवनदायी तत्वों का निर्माण होता है। लेकिन उनके साथ-साथ कुछ जहरीले तत्व भी पैदा होते हैं जो यदि शरीर के भीतर ही रुके रह जाँय तो जीवन संकट में पड़ सकता है। शरीर के अन्दर बनने वाले ऐसे विषैले पदार्थों को लीवर मल और मूत्र के जरिये शरीर से बाहर निकाल देता है।

44. यकृत बिलरुबिन नामक विषैले तत्व को ग्लूकुरोनिडेशन (Glucuronidation) के जरिये तोडकर पित्त के रूप में स्रावित कर देता है। हमारे मल का भूरा रंग, पित्त के ही कारण ऐसा होता है। यह अमोनिया को यूरिया और हाइड्रोजन पराक्साइड को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड देता है। Liver ही कई प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों को तोड़कर, उन्हें बाहर निकालने के लिये उत्तरदायी है।

Liver in Hindi शरीर के लिये जरुरी चीजें बनाता है यकृत

45. Liver is Creator of Essential Elements required by Body: यकृत के उच्च क्षमतावान उतक (Highly Specialized Tissue) जिन्हें हेपेटोसाईटस कहते हैं, अनेकों तरह की बहुत सारी जैव रासायनिक अभिक्रियाओं (Biochemical Reactions) को संपन्न करते हैं, जिनमे छोटे और जटिल अणुओं का विश्लेषण (Synthesis and Breakdown of Small and Complex Molecules) भी शामिल है। इनमे से कई शरीर के अत्यावश्यक कार्यों को पूर्ण करने के लिये अनिवार्य होती हैं।

Liver in Hindi पित्त को उत्पन्न करता है यकृत

46. Liver is The Generator of Bile: भोजन को सही प्रकार से पचाने के लिये, विशेषकर वसा को पाचन तंत्र से अवशोषित करने के लिये, पित्त (Bile) बहुत आवश्यक है। यह एक क्षारीय रसायन है जो वसा को तोड़कर उसे छोटे-छोटे अणुओं में बदल देता है जिससे Pancreatic Lipase को इसे पचाने में आसानी होती है। इस गाढे हरे-पीले रंग के पित्त का निर्माण Liver में ही होता है और यह यकृत में ही छनता है।

47. हमारा Liver हर रोज लगभग 500 मिली से 1000 मिली पित्त तैयार करता है। जिसमे पानी, नमक, मिनरल्स, म्यूकस, बिलरुबिन, कोलेस्ट्रोल और पित्त के साल्ट उपस्थित होते हैं। भोजन के पाचन के समय पित्त छोटी आँत में चला जाता है और पचने के पश्चात अतिरिक्त पित्त, Gallbladder (पित्ताशय) या पित्त की थैली में आकर इकट्ठा हो जाता है।

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