20 Powerful Personality Development Tips in Hindi

 

“व्यक्तित्व (चरित्र) वह चीज़ नहीं है जिसके साथ आप पैदा हुए थे और अपनी उँगलियों के निशान की तरह जिसे आप बदल नहीं सकते। यह वह चीज़ है जिसके साथ आप पैदा नहीं हुए थे पर जिसे ढालने की जिम्मेदारी आपको अवश्य लेनी है।”
– जिम राँन

 

Powerful Personality Development Tips in Hindi
कैसे बनायें एक चुम्बकीय व्यक्तित्व

कामयाबी को निर्देशित करने वाली चीजों में कोई भी इतनी प्रभावशाली नहीं है जितनी कि Personality अर्थात व्यक्ति का व्यक्तित्व। व्यक्तित्व चरित्र के बीज से जन्मा पौधा है जिस पर उपलब्धियों के फल लगते हैं। अधिकाँश व्यक्ति जब किसी महान आत्मा के व्यक्तित्व का मूल्यांकन करते हैं, तब वह सिर्फ उसके गौरवशाली जीवन की उपलब्धियों से चमत्कृत होकर ही संतुष्ट हो जाते हैं। लेकिन कोई भी व्यक्ति उनके चरित्र के उन उद्दात गुणों का विश्लेषण नहीं करना चाहता जो सफलता का सबसे सशक्त आधार रहे थे।

Personality को पारिवारिक पृष्ठभूमि, रूप-रंग और चाल-ढाल से जोड़कर देखना गलत है। इसका तात्पर्य व्यक्ति के सुंदर, आकर्षक और सुडौल शरीर से नहीं है, जैसा कि हममे से ज्यादातर लोग मानते हैं। अगर व्यक्तित्व की परख केवल इन्ही चीज़ों के आधार पर होने लगेगी तो स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, अब्राहम लिंकन, नेल्सन मंडेला, महर्षि रमण और इनके ही जैसे न जाने कितने उच्चतर व्यक्तित्व वाले व्यक्ति इस कसौटी पर खरे न उतर सकेंगे।

वास्तव में व्यक्तित्व तो सिर्फ कलेवर (आवरण) है असल चीज है चरित्र। जब भी हम व्यक्तित्व विकास (Personality Development) की बात करते हैं तो यथार्थ रूप में हम चरित्र को श्रेष्ठ बनाने की ही बात कर रहे होते हैं। इसीलिये Personality को Character in Action कहना ज्यादा तर्कसंगत होगा। इस लेख में हम केवल उन तरीकों के बारे में बातें करेंगे कि किस प्रकार से एक साधारण व्यक्तित्व को एक चुम्बकीय व्यक्तित्व के रूप में बदला जा सकता है।

किस प्रकार से हम लोगों को अपने व्यक्तित्व के सहारे सही कार्य के लिये प्रेरित कर सकते हैं, और सबसे बढकर कि किस तरह हम स्वयं को उस आदर्श व्यक्ति के रूप में निर्मित कर सकते हैं जिसकी कल्पना हमने अपनी जिंदगी में हमेशा की है। Personality क्या है और यह किन चीज़ों से प्रभवित होती है इसके बारे में हम पहले ही ‘Personality Meaning in Hindi: व्यक्तित्व का अर्थ‘ इस लेख में बता चुके हैं, इसीलिये हम यहाँ इस पर चर्चा नहीं करेंगे।

 

Life Management के लिए जरूरी है Personality Development

1. Change Thoughts, Character & Conduct विचार, चरित्र और आचरण बदलें

अगर आप वास्तव में एक Magnetic Personality चाहते हैं तो सबसे पहले अपने विचार, आचरण और चरित्र को बदलें। विचार, आचरण और चरित्र ये Personality की 3-Dimensional Identity हैं। इन तीनो मे सर्वप्रथम आयाम है विचार। इसमे वह शामिल रहता है जो हम सोचते हैं और अपनी Emotions और Fantasies’ से Continuously Circulate करते रहते हैं। इन विचारों की तीव्रता और निरंतरता हमारे चरित्र को ढालती है।

चरित्र निर्माण की यह प्रक्रिया बहुत ही धीमी है। क्योकि चरित्र निर्माण का मूल आधार हमारे Sub-conscious Mind यानी अवचेतन मस्तिष्क मे सोये पडे संस्कार हैं। जब तक विचार उस Level तक नही पहुँच जाते जहॉ ये संस्कारों को परिशुद्ध कर सके तब तक चरित्र बिलकुल भी प्रभवित नही होता है। विचारों और चरित्र का यह मिलन हमारे आचरण मे स्पष्ट दिखाई देता है।

इसीलिये यदि Personality को इसकी Maximum Capability तक Refine और Develop करना हो और सही रास्ते पर ले चलना हो तो यह बहुत जरूरी है कि इसकी 3-Dimensional Nature को बिल्कुल सही प्रकार से ढाला जाय। याद रखिये सभ्यता और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ आचरण भी है।

श्रेष्ठ आचरण वाला व्यक्ति हर जगह दूसरों से न केवल सम्मान पाता है, बल्कि किसी महत्वपूर्ण कार्य के विषय मे दी गयी उसकी सलाह को भी लोग बडा महत्व देते हैं। पर अच्छे आचरण के लिए खुद को बहुत तपाना पडता है और इसके लिये अपने Thoughts और Mind पर नियंत्रण करना बहुत ही आवश्यक है। टॉयरन एडवर्डस की यह उक्ति एक Magnetic Personality के निर्माण में इन तीनों के महत्व को बखूबी प्रकट करती है।

“विचार उददेश्य की ओर ले जाते हैं। उददेश्य की परिणिति कर्म (आचरण ) मे होती है, आचरण आदतें बनाता है। आदतें चरित्र का निर्धारण करती हैं और चरित्र भाग्य का निर्माण करता है।”

जानिये स्वामी विवेकानंद के वह 20 अद्भुत नियम जो आपकी पूरी जिंदगी बदलकर रख देंगे – 20 Swami Vivekananda Thoughts in Hindi

2. Have Higher Ambitions ऊँची और नियंत्रित अभिलाषा रखिये

एक ऊँची अभिलाषा न सिर्फ महानता और कामयाबी का प्रवेश द्वार है, बल्कि यह एक Magnetic Personality के Development के लिये भी बेहद जरुरी है। नेपोलियन बोनापार्ट ने महान अभिलाषा को महान चरित्र की लालसा कहा है। एक आदमी जिसकी कोई Ambition नहीं है, जिसका कोई Aim नहीं है और जिसकी Life में कोई Goal नहीं है, निश्चित रूप से कभी भी उच्चतर कामयाबी हासिल न कर पायेगा।

न ही वह कभी अपने व्यक्तित्व को बेहतर बना सकेगा, क्योंकि वह उससे संतुष्ट होकर अपने प्रगति के सारे रास्ते बंद कर चुका है जो उसे मिला है। वह अपने आचरण और चरित्र के दोषों से न केवल बेखबर है, बल्कि उन्हें अपने स्वयं के अस्तित्व का हिस्सा स्वीकार करके उन अच्छाइयों, उन गुणों की ओर से आँखे मूँदे बैठा है जो एक इंसान को इंसान बनाते हैं।

वह अपने विचारों और स्वभाव को बदलने के लिये कोई प्रयास नहीं करता। नतीजा यह होता है कि उनका व्यक्तित्व अधूरा, कमजोर और अविकसित ही रह जाता है। इसीलिये स्वयं को एक महान और चरित्रवान इंसान बनाने की अभिलाषा पालिये और साथ ही सावधान भी रहिये कि गुणों को अर्जित करने का प्रयास करते-करते कोई दोष किसी अनियंत्रित महत्वाकांक्षा के रूप में न प्रवेश कर जाय।

ऑस्कर वाइल्ड ने सर्वश्रेष्ठ अभिलाषा के स्वरुप के विषय में कहा है –

“हमारी अभिलाषा खुद पर शासन करने की होनी चाहिए, उस सच्चे राज्य पर जो हममे से प्रत्येक के लिए है।”

जानिये क्या हैं वह 10 जीवन मंत्र जिन्हें न जानने के कारण दुनियाभर के लोग इतने दुखी रहते हैं – 10 Jeevan Mantra in Hindi to Change Life

3. Accept Responsibility जिम्मेदारी स्वीकार करें

इस दुनिया में एक बड़ी समस्या यह है कि लोग प्रशंसा और उपलब्धि तो पाना कहते हैं, लेकिन जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करना चाहते। अपने निर्धारित कर्तव्य के प्रति उत्तरदायित्व को स्वीकार करना ही जिम्मेदारी का भाव है। जिम्मेदारी स्वीकार करने की भावना न केवल व्यक्ति की परिपक्वता की निशानी है, बल्कि यह सच्चाई, विश्वसनीयता और साहस का भी प्रतीक है।

लोग भी ऐसे ही व्यक्ति की ओर आकर्षित होते हैं जो आगे बढ़कर अपने काम की पूरी-पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करे। आप देखते ही होंगे कि ज्यादातर लोग कुछ अच्छा होने पर तो तुरंत श्रेय ले लेते हैं, लेकिन गलती होने पर उसे दूसरे के सिर पर मढने की कोशिश करते हैं, सिर्फ बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जो अपनी गलतियाँ स्वीकार करते हैं।

जो लोग जिम्मेदारी लेने से डरते हैं, वह अपनी हर नाकामयाबी और दुःख का दोष दूसरों पर ही लादते हैं। वे ऐसा यह सोचकर करते हैं कि इससे उन्हें आलोचना और दंड से छुटकारा मिल जायेगा। पर वस्तुतः ऐसा होता नहीं है, बल्कि ऐसा करने के प्रयास में वह अपने अधिकार खोने के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व को और भी नीचा गिरा लेते हैं।

अगर आप ऊँचा उठना चाहते हैं और अपनी Personality को आकर्षक बनाना चाहते हैं तो जिम्मेदारी स्वीकार करें। विंस्टन चर्चिल ने क्या खूब कहा है –

“महानता की कीमत जिम्मेदारी है।”

जानिये क्या हैं जिंदगी को खुशहाल बनाने वाले 75 Golden Rules – 75 Golden Thoughts of Life in Hindi

4. Be Self Confident आत्मविश्वासी बनिये

हेनरिक इब्सेन कहते हैं – “यदि आपको स्वयं पर अविश्वास है, तो निश्चित रूप से आप कमजोर जमीन पर खड़े हैं।” एक Magnetic Personality के Development के लिये आपका आत्मविश्वासी होना बेहद जरुरी है। दरअसल बात यह है कि आत्म विश्वास ही आपकी छिपी प्रतिभा को, आपकी आंतरिक शक्ति को प्रकाश में लाता है। आत्मविश्वास ही आपकी अपनी कमजोरियों और बुराइयों को दूर करने में मदद करता है।

जिन लोगों को खुद पर विश्वास नहीं होता, वह हर समय डरे-सहमे और आशंकित से रहते हैं। संकोच और भय उनके व्यक्तित्व में इस तरह प्रविष्ट हो जाता है कि वह कुछ भी स्पष्ट और कहने तक से हिचकते हैं, फिर कोई बड़ा काम करने की बात तो दूर ही ठहरी। ऐसे लोगों की हर कोई दब्बू और कायर समझकर उपेक्षा करता है। Self Confidence का जिंदगी में कितना महत्व है इस पर नार्मन विन्सेंट पील कहते हैं –

“स्वयं पर विश्वास कीजिये! अपनी क्षमताओं में यकीन कीजिये! अपनी स्वयं की शक्तियों में विनीत मगर तर्कसंगत विश्वास हुए बिना आप कभी भी सफल या सुखी नहीं हो सकेंगे।”

5. Be Humble विनम्र बनिये

विनम्रता को अमर गुरु महावतार बाबजी ने वह सद्गुण बताया है जो ईश्वर को सबसे ज्यादा प्रिय है और व्यवहार में भी यही देखा जाता है कि लोग उच्च पद, धन और संपत्ति से भी किसी व्यक्ति का इतना आदर नहीं करते जितना कि उसके विनम्र व्यवहार से। एक वाक्य में कहें तो विनम्रता व्यक्तित्व की जान है। सादगी और विनम्रता इंसान की महानता को दर्शाती है। विनम्र बनने के लिये आवश्यक है कि आप दिखावे से दूर रहें और बढ़ा-चढाकर न बोलें।

बोलते समय अपने शब्दों को सावधानी से चुनिये, क्योंकि बिना सोचे-समझे बोलने से अनजाने ही मुँह से ऐसे शब्द निकल जाते हैं जो दूसरों की भावनाओं को चोट पहुँचा सकते हैं और रिश्तों को खत्म करने की कगार पर ले जा सकते हैं। ऋषियों ने भी विनम्रता को शील और व्यक्तित्व का भूषण कहा है। विनम्र लोगों से हर कोई प्रेम करता है और ऐसे लोग जहाँ भी जाते हैं अपनी Magnetic Personality से हर किसी को आकर्षित कर लेते हैं।

विनम्र बनने के लिये अपने मन से हर प्रकार का अभिमान निकाल दीजिये – “मै ज्यादा पैसे वाला हूँ, मै बहुत पढ़ा-लिखा हूँ, मेरा बहुत बड़ा व्यवसाय है, मै बहुत ऊँचे कुल का हूँ, मेरा बहुत नाम है।” जैसे शब्द व्यक्ति के अहंकार और घमंड को प्रकट करते हैं और जहाँ घमंड है वहाँ कभी विनम्रता नहीं हो सकती। घमंडी लोगों से हर कोई बचना चाहता है। इसीलिये अगर आप एक Excellent Personality Develop करना चाहते हैं तो घमंड न करें।

 

Personality Development Guide in Hindi

6. Develop A Positive Attitude सकारात्मक नजरिया विकसित करें

एक सर्वे में हुए अध्ययन में सामने आया है कि लोगों की खुशी या सुख को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली चीज पैसा, मान, संपत्ति और पद नहीं, बल्कि सकारात्मक नजरिया है। प्रसिद्ध लेखक डेल कार्नेगी ने भी यही कहा है कि सुख बाह्य परिस्थितियों पर नहीं, बल्कि पूरी तरह हमारे नजरिये पर निर्भर करता है। Positive Attitude वाले लोग जहाँ कहीं भी जाते हैं वहीँ आनंद का स्रोत बहने लगता है।

क्योंकि Positive Attitude उनकी शख्सियत को इतना खुशनुमा बना देता है कि वह लोगों के मन-मस्तिष्क पर अपनी छाप डाले बिना नहीं रहती। सकारात्मक नजरिये वाले लोगों का हर जगह दिल खोल कर स्वागत किया जाता है। हर कोई उनकी संगति का मजा लेना चाहता है। कोई भी परेशानी उनकी मानसिक शांति को भंग नहीं कर पाती। वहीँ दूसरी ओर Negative Attitude वाले लोगों से हर कोई बचना चाहता है।

क्योंकि ऐसे आदमी को लोग एक बोझ के रूप में देखते हैं। नजरिये की जरुरत पर शिव खेडा भी कहते हैं – “जिंदगी की राह रुकावटों से भरी पड़ी है, और अगर हमारा नजरिया नकारात्मक हो, तो अपने लिये सबसे बड़ी रूकावट हम खुद बन जाते हैं।” इसीलिये Magnetic Personality की चाहत रखने वालों को अपना Attitude Positive रखना चाहिये।

इस कहानी से जानिये कैसे आपका नजरिया आपकी पूरी जिंदगी बदल सकता है – नजरिया बदलकर अपनी जिंदगी बदलिए: Positive Attitude Story in Hindi

7. Don’t Intervene in Matters of Others हस्तक्षेप न करें

इस दुनिया में हर कोई आजाद रहना चाहता है फिर चाहे वह इन्सान हो या पशु-पक्षी। इस आजादी में जीने की आजादी, काम करने की आजादी और खाने-पहनने की आजादी से लेकर सभी तरह की स्वतंत्रता शामिल है। कोई भी इन्सान अपने कामों में किसी तरह की रोक-टोक नहीं चाहता है। गलतियाँ होने पर मार्गदर्शन के लिहाज से सलाह देना एक अलग बात है और अपनी बात को सबसे उपर रखने के लिये बार-बार हस्तक्षेप करना एक अलग बात है।

याद रखिये अगर आप दूसरों के जीवन में हद से ज्यादा हस्तक्षेप करेंगे तो न केवल उनके विरोध और अपमान का सामना करेंगे, बल्कि तब हर कोई आपसे बचना चाहेगा। इसीलिये समझदारी दिखाते हुए ऐसा करने से बचें। चूँकि Magnetic Personality वाले लोग दूसरों को उनकी इच्छानुसार जीने की पूरी आजादी देते हैं, इसीलिये हर कोई उनका आदर करता है।

8. Inculcate A Feeling of Gratitude कृतज्ञ बनें

ईसप के अनुसार कृतज्ञता श्रेष्ठ आत्माओं का लक्षण है। यह सच है कि अहसान मानने वाले लोग दुनिया में मुश्किल से मिलते हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग अहसानफरामोश ही होते हैं। लेकिन फिर भी इससे जीवन में कृतज्ञता का महत्व कम नहीं हो जाता। अहसान मानने का गुण आपकी Personality को एक नया आयाम देता है। इसीलिये उन लोगों का अहसान अवश्य मानिये जिन्होंने आपकी थोड़ी सी भी मदद की है।

जब कभी आप जीवन में पीछे मुडकर देखते हैं तो आपको सबसे पहले वही लोग याद आयेंगे जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से स्नेह के कारण ही आपकी मदद की थी, किसी प्रत्युपकार और धन्यवाद की आशा रखे बिना। जब हम दूसरों के प्रति शुक्रगुजार होते हैं तो इससे लोगों के प्रति हमारे नजरिये का भी पता चलता है। लेकिन ध्यान रखिये आप दूसरों का अहसान तो जरुर मानें, पर दूसरों से अहसानमंद होने की उम्मीद न करें।

क्योंकि जब हम दूसरों से कृतज्ञ होने की आशा करते हैं तो यह हमारे अन्दर अभिमान और परोपकार के प्रतिदान की चाह को जन्म देता है जिससे हमारे व्यक्तित्व में दोष पैदा होता है। इसीलिये अगर आप एक Magnetic Personality Develop करना चाहते हैं तो अपने ह्रदय में कृतज्ञता का भाव लाये।

राल्फ मार्सटन भी कृतज्ञता के महत्व के बारे में कहते हैं – “लोगों को धन्यवाद कहना अपनी आदत बना लीजिये। दूसरों की प्रशंसा निष्कपटता से और बदले में किसी भी चीज़ की आशा रखे बिना कीजिये। जो भी आपके आस-पास हैं, उनकी सच्ची प्रशंसा कीजिये, और आप जल्दी ही दूसरों को अपने आस-पास पायेंगे। जीवन का सच्चे अर्थों में मान कीजिये और आप पायेंगे कि आपने इसे और पा लिया है।”

9. Keep Your Promise अपने वचन को पूरा कीजिये

अपनी बातों पर कायम रहना व्यक्ति के ऊँचे चरित्र की निशानी है, लेकिन वचन देना और फिर उसे पूरा करना और भी ऊँचे चरित्र की निशानी है। वचन सिर्फ शब्द नहीं है, बल्कि यह एक व्यक्ति के दृढ चरित्र और एक संकल्पित आत्मा की इच्छाशक्ति का प्रतीक है। यह आपके इरादे, विश्वास और समर्पण को जाहिर करता है। एक आम इन्सान जो दिन में कई बार छोटी-छोटी बातों के लिये भी झूठ बोलता है, वचनबद्धता की कीमत नहीं समझ सकता।

क्योंकि उसकी दृष्टि में सिर्फ अपना स्वार्थ और आराम ही महत्व की वस्तु है। लेकिन ऊँचे चरित्र के वह लोग जो वादे की कीमत को समझते हैं उसे प्राण देकर भी पूरा करते हैं। क्योंकि वादे का अर्थ ही यह होता है कि उसे हर हाल में और कैसी भी परिस्थिति में अनिवार्य रूप से निभाया जाना है। लोग अपने वादों को इसलिये पूरा नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनकी आजादी को छीन लेगा।

पर वास्तव में ऐसा नहीं है जब आप अपने वादे को पूरा करते हैं तो यह आपकी Personality को एक अलग ही स्तर पर स्थापित करता है, क्योंकि इससे लोगों की नजरों में आपका मूल्य बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जीवन में ज्यादातर रिश्ते-नाते, वादों की मजबूती पर ही टिके होते हैं। इसीलिए एक Attractive Personality के Proper Development के लिये अपने वचन के प्रति निष्ठावान बनिये।

10. Be Enthusiastic उत्साही बनें

टेनेसी विलियम्स जोश को जिंदगी में सबसे जरूरी चीज मानती है। राल्फ वाल्डो एमर्सन भी यही कहते हैं कि उत्साह के बिना कभी कोई बड़ी चीज़ हासिल नहीं हो पाई है। यह उत्साह ही है जो कामयाबी को खींच कर अपनी ओर लाता है। आत्मविश्वास, साहस, और उत्साह यह तीनों हाथों में हाथ डाले चलते हैं। इसीलिये जहाँ कहीं भी Enthusiasm होगा, वहाँ Self Condfidence और Courage भी अपने आप आ जुटेंगे।

उत्साही लोगों की जीवट और जोश हर इन्सान को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। क्योंकि यह संक्रामक है, जो भी इसके नजदीक आता है यह उनमे प्रसारित हो जाता है। जोश से लबरेज रहने वाले लोगों की जिंदादिली से उनके संपर्क में आने वाला कोई इंसान नहीं बच पाता और यह उनके बोलने, चलने और व्यवहार की हर क्रिया से प्रकट होता है। सच कहा जाय तो जोश ही जिंदगी है।

स्वेट मार्डेन ने भी यही कहा है कि जिनमे जोश नहीं है, वे इंसान जिन्दे होकर भी मुर्दा ही है। अगर आप वास्तव में एक Extraordinary Personality develop करना चाहते हैं तो अपना उत्साह न खोयें। उत्साह का जीवन में क्या महत्व है, इसके बारे में एडवर्ड बटलर जॉर्ज ने कितना सही कहा है –

“हर व्यक्ति समय-समय पर उत्साही होता है। एक आदमी में 30 मिनट तक जोश रहता है; दूसरे में 30 दिन तक, लेकिन जो अपने जीवन को सफल बनाता है वो, वह व्यक्ति होता है जो इसे 30 साल तक बरकरार रख पाता है।”

 

Book for Personality Development in Hindi

11. Respect Your Time अपने समय की इज्जत करें

अगर इस दुनिया की सबसे कीमती चीज की बात करें तो ज्यादातर लोग सोने-चाँदी और हीरे-मोती का ही नाम लेंगे, क्योंकि उनकी दृष्टि में समय का कोई महत्व नहीं है। लेकिन बुद्धिमान इन्सान जानते हैं कि समय से ज्यादा मूल्यवान चीज और कोई नहीं है। खराब व्यक्तित्व वाले लोग समय को खत्म के लिये अपनी जिंदगी को निकम्मे ढंग से जीते चले जाते हैं, जबकि वे यह नहीं जानते कि समय चुपचाप उन्हें ही खत्म कर रहा है।

समय को गपशप और बेकार के कामों में खपाने वाले लोग नहीं जानते कि इससे उनका व्यक्तित्व कितनी तेजी से नीचे गिर रहा है जबकि कामयाब और महान लोग, जिनका असाधारण व्यक्तित्व सबको आकर्षित करता है, अपनी इस सबसे बड़ी दौलत को बचाकर रखने की कोशिश करते हैं। जो आदमी अपने Time को ऐसे ही बर्बाद कर देता हैं, उनके साथ कोई भी समझदार और कामयाब आदमी सम्बन्ध नहीं रखना चाहता।

और न ही कोई उन्हें अच्छी दृष्टि से देखता है, क्योंकि ऐसे लोग बुराइयों का घर होते हैं और धीरे-धीरे वह हर किसी से दूर होते चले जाते हैं। इसीलिये किसी विद्वान ने बिल्कुल ठीक ही कहा है – “जो समय की इज्जत नहीं करता, उसकी कोई इज्जत नहीं करता।” इसीलिये अगर आप एक Magnetic Personality Develop करना चाहते हैं तो अपने Time की इज्जत करें क्योंकि Time की Importance कल्पना से परे है।

12. Be Patient सहनशील बनिये

जिंदगी में लगभग अक्सर ही ऐसे अवसर आते हैं जब हम आपे से बाहर हो जाते हैं। ऐसे मौकों पर हमारा विचित्र और उग्र व्यवहार न केवल दूसरों की अनावश्यक परेशानी का कारण बनता है, बल्कि हमारा अपना व्यक्तित्व भी बुरा बन जाता है। असहनशील छवि वाले लोगों को न केवल निंदा और आलोचना सुननी पड़ती है, बल्कि ऐसे लोगों से हर कोई दूर ही रहना चाहता है।

जो इन्सान एक मजाक नहीं सह सकता, अपनी सही आलोचना नहीं सुन सकता, अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं कर सकता और जो दूसरों से तमीज से बात नहीं कर सकता, सोचिये ऐसे आदमी के साथ कौन संबंध रखना चाहेगा। इसीलिये सहनशील बनिये। सहनशील बनने का तात्पर्य यह नहीं है कि अपने या दूसरों के प्रति होने वाले अपराधों को चुपचाप सहन कर लिया जाय।

बल्कि इसका अर्थ यह है कि छोटी-छोटी बातों पर अपनी भावनाओं को उग्र होने से रोका जाय। जरा-जरा सी बात पर नाग की तरह फुफकारने या घडियाली आँसू बहाने से परहेज किया जाय। सहनशील लोगों का हर कोई आदर करता है, क्योंकि उनके व्यक्तित्व की गंभीरता सबको अपनी ओर खींच लेती है। इसीलिये Magnetic Personality की चाह रखने वालों को इस गुण को develop करने पर ध्यान देना चाहिये।

जीवन में सहनशीलता का क्या महत्व है, इसके बारे में जानना चाहते हैं तो यह प्रेरक कहानी पढिये – सुखी रहने का मूलमंत्र: Moral Story in Hindi for Class 9

13. Be Trustworthy स्वयं को विश्वसनीय बनाइये

Don’t Lose Credibility यह वाक्य एक Attractive Personality के Development के लिये 13वां सूत्र है। विश्वसनीयता का जीवन में क्या मोल है, इसके बारे में आपने चरवाहे और शेर की कहानी में पढ़ा ही होगा कि कैसे लड़के के बार-बार झूठ बोलने पर गाँव वाले उसे झूठा समझ लेते हैं और जब उसे उनकी जरुरत होती है तो वह नहीं आते। यह छोटी सी कहानी हमें बताती है कि जीवन में ईमानदारी, सच्चाई और विश्वसनीयता का कितना महत्व है।

झूठ बोलने वाले, धोखा देने वाले और कपट करने वाले लोगों से हर कोई दस हाथ दूर ही रहना चाहता है, क्योंकि वे कब और किसका नुकसान कर बैठे, इसका कुछ पता नहीं है। इसीलिये एक ईमानदार और निष्कपट इन्सान बनिये। जो लोग अक्सर झूठ बोलते हैं, गलत या अधूरी जानकारी देते हैं और सच को बढ़ा-चढाकर कहते हैं, वे देर-सवेर अपनी विश्वसनीयता खो ही देते हैं।

लगातार व्यवहार में आने से यह एक बुराई आदत बन जाती है और व्यक्तित्व को नीचे गिरा देती है। अतः निष्कपट बने और दिखावे से दूर रहें। जिंदगी में जितने भी रिश्ते-नाते हैं, वह विश्वास के आधार पर ही बनते-बिगड़ते हैं। भरोसेमंद और वफादार लोगों को हर कोई अपने जीवन में स्थान देना चाहता है। विश्वसनीय होना कितनी बड़ी बात है, इसके बारे में जॉर्ज मैकडोनल्ड ने क्या खूब कहा है –

“विश्वास किया जाना प्रेम किये जाने से भी अधिक उच्च अभिनंदन है।”

महान व्यक्तियों के इन प्रेरक विचारों से जानिये क्यों विश्वास सारे रिश्ते-नातों का आधार है – Trust Quotes in Hindi

14. Maintain Your Dignity आत्मगौरव मत खोइये

आत्मगौरव, आत्म-सम्मान या स्वाभिमान की भावना हर इन्सान के अन्दर किसी न किसी रूप में अवश्य मौजूद रहती है। जिसका संरक्षण हर कीमत पर किया जाना चाहिये, क्योंकि स्वाभिमान के मिटने पर इंसान की भी मौत तय ही समझी जाती है। फिर भले ही वह साँस ले रहा हो या चल-फिर रहा हो, और आत्मगौरव को नष्ट करने वाली सबसे बड़ी चीजें हैं – असत्य, लोभ, पाखण्ड और हमारे दुराचारपूर्ण कृत्य।

जिन्हें हम सबसे इस आशा में छुपाते हुए अपने स्वार्थ सिद्ध करते रहते हैं कि किसी को भी उनका पता नहीं चलेगा। लेकिन जब संसार को उनका पता चलता है, तो हम नजरे मिलाने के भी काबिल नहीं रहते। आत्मगौरव की उच्च भावना ऊँचे व्यक्तित्व की निशानी है। बार-बार गलत काम करना और फिर भी उन पर पर्दा डालना व्यक्तित्व को नष्ट करने वाला काम है।

अगर आप गलती करते हैं तो उसे स्वीकार भी करें, क्योंकि सिर्फ तभी एक Extraordinary Personality develop करने का आपका सपना साकार हो पायेगा। डेल टर्नर ने कितना सही कहा है –

“अपनी गलतियों और भूलों को स्वीकार करना और उन्हें सुधारना आत्म-सम्मान का सर्वोच्च रूप है। कोई गलती करना निर्णय लेने में केवल एक त्रुटि भर है, लेकिन जब इसे खोज लेने पर भी गलतियाँ होती रहती हैं, तो यह चरित्र की कमजोरी को प्रकट करता है।”

15. Be Generous to The World उदारता दिखाइये

दूसरों की भावना को महसूस करना और उनके प्रति उदारता बरतते हुए उनका सहायक होना ऊँचे व्यक्तित्व की निशानी है। जब आप दूसरों के बारे में सोचते हैं, उनकी परवाह करते हैं और मदद के लिये हाथ आगे बढ़ाते हैं तो आप सिर्फ अपनी और उसकी जिंदगी को बेहतर नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि इस दुनिया को भी हसीन बना रहे होते हैं। दूसरों के बारे में सोचने से न केवल आपका व्यक्तित्व बेहतर बनता है, बल्कि आपकी आत्मिक शक्तियाँ भी जाग उठती हैं।

इसीलिये सबके बारे में अच्छा ही सोचें और अच्छा ही करें। उदारता और दयालुता की कोई कीमत नहीं होती फिर भी यह बहुत कुछ रचती हैं। यह पाने वाले के अभाव मिटा देती हैं और देने वाले के ह्रदय में आनंद का सोता जगा देती है। यह खुशहाली लाती हैं और ख्याति बढाती हैं। अगर आप वास्तव में एक Magnetic Personality develop करना चाहते हैं तो उदार बनिये। उदारता के बारे में जॉन वेस्ले ने कितना अच्छा लिखा है –

“आप जितना अधिक भला कर सकते हैं उतना कीजिये, आप जितने अधिक जरियों से कर सकते हैं उतनों से कीजिये, आप जितने अधिक तरीकों से कर सकते हैं उतनों से कीजिये, आप जितनी अधिक जगहों पर कर सकते हैं उतनी पर कीजिये, आप जितनी अधिक बार कर सकते हैं उतने वक्त कीजिये, आप जितने अधिक लोगों का कर सकते हैं उतनों का कीजिये, आप जब तक कर सकते हैं तब तक कीजिये।”

 

How to Develop Personality in Hindi

16. Don’t Play The Blame Game दोषारोपण मत करें

Don’t Criticize Otheres यह जीवन मंत्र एक Attractive Personality के Development के लिये 16वां सूत्र है। दूसरों पर दोषारोपण करने की आदत, दूसरों की व्यर्थ निंदा और आलोचना करने की आदत, दूसरों की पीठ पीछे बुराई करने की आदत न केवल जिंदगी में जहर घोलने वाली बात है, बल्कि यह व्यक्तित्व की एक खतरनाक बुराई भी है। आलोचना, निंदा और शिकायत करने वाले इन्सान से हर कोई बचना चाहता है।

क्योंकि वह किसी का भी विश्वसनीय नहीं होता और अपने स्वार्थ के सामने आने पर किसी को भी नुकसान पहुँचा सकता है। याद रखिये जो लोग आपके सामने दूसरों की बुराई करते हैं, वह आपकी पीठ पीछे आपकी भी निंदा करेंगे। निंदक और गप्पी दोनों, एक ही स्तर के लोग होते हैं। न तो इनके पास बेहतर दिमाग होता है, न ही कोई काम रहता है और न ही इन्हें अपनी इज्जत की कोई चिंता होती है।

इसीलिये बुराई करने और कहने की आदत छोड़ दीजिये। ध्यान दीजिये Magnetic Personality develop करने के लिये आपको अपने अन्दर इन आदतों का समावेश करना ही चाहिये –

1. किसी की भी आलोचना और शिकायत न करें, एक कीड़े की भी नहीं।
2. सोच कर बोलिये, न कि बोलकर सोचिये।
3. किसी के भी प्रति मन में मैल मत रखिये।

4. पीठ पीछे बुराई न करे, संभव हो तो उनके सामने ही आलोचना करे।
5. खुले विचारों वाले बने, क्योंकि गलतियाँ सभी से होती है।
6. गलत अफवाहें न फैलाये, पहले बातों पर गंभीरता से विचार करें।

17. Develop A Good Sense of Humor खुशमिजाज बनें

हँसने-हँसाने वाले लोग सभी को अच्छे लगते हैं फिर चाहे वह किसी भी उम्र और स्तर के हों। खुशमिजाज लोगों में एक अजीब सा आकर्षण होता है जो उन्हें हर दिल अजीज बना देता है। लोग उनकी सोहबत में रहना पसंद करते हैं, क्योंकि उनकी संगति में बैठकर उन्हें अपने दुखों और परेशानियों से तात्कालिक छुटकारा मिलता है। उनकी बेरस जिंदगी में रस आता है और जीने की उमंग पैदा होती है। पुरानी कहावत है कि हँसी सौ मर्ज की दवा है।

हँसने से बीमारियाँ ठीक होती है या नहीं, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इतना जरुर है कि हँसने से कई बीमारियों से बचा जरुर जा सकता है। हँसने से शरीर की पीड़ा जरुर कम हो सकती है और हँसने-मुस्कुराने की आदत से एक Extraordinary Personality को भी develop किया जा सकता है। खुशमिजाज रहने की आदत कितनी प्रभावशाली है, इसके बारे में एक लेखक ने कितना अच्छा कहा है –

“मुस्कुराइये और दुनिया मुस्कुरायेगी, रोइये और आप अकेले रोयेंगे।”

18. Appreciate Others But don’t Flatter प्रशंसा करें पर चापलूसी नहीं

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स ने कहा है “प्रशंसा पाने की इच्छा, मानवीय स्वभाव की गहनतम लालसाओं में से एक है।” हो सकता है कि कोई आदमी किसी बहुमूल्य उपहार के पाने पर भी उतना प्रसन्न न हो जितना प्रसन्न वह अपनी सच्ची प्रशंसा होने पर हो। वास्तव में सच्ची तारीफ़ एक ऐसा कीमती उपहार है जिसकी कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती, पर जिसके मिलने पर इन्सान को सबसे ज्यादा खुशी होती है।

हर आदमी चाहे वह एक साधारण किसान या मजदूर ही क्यों न हो, अपने आप को महत्वपूर्ण और योग्य समझता है। जब आप दूसरों की प्रशंसा करते हैं, तो वह उनके समस्त अस्तित्व को झंकृत करते हुए उनके दिल और दिमाग में प्रवेश कर जाती है और वह अपने आप को कृतकृत्य समझने के साथ-साथ आपके बारे में भी ऊँची और अच्छी धारणा बना लेता है।

वह काम जिसे आपकी बड़ी से बड़ी उपलब्धि भी पूरा करने में शायद ही समर्थ रही होती, उसे सिर्फ चंद शब्दों ने संपन्न कर दिया। निश्चित रूप से प्रशंसा करने की आदत एक Magnetic Personality के development में अहम भूमिका निभाती है। लेकिन प्रशंसा दिल से, स्पष्ट और सच्ची ही होनी चाहिये, हमारे हर शब्द में ईमानदारी झलकनी चाहिये। प्रशंसा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें –

1. दूसरों की प्रशंसा तो करें, पर चापलूसी बिल्कुल नहीं।
2. व्यवहार कुशल बनें और झूठी प्रशंसा न करें।
3. सही समय पर प्रशंसा करें।
4. तारीफ करने के बाद बदले में कुछ पाने की आशा न रखे।

19. Be Cultured and Civilized सुसंस्कृत और शिष्ट बनें

अगर आप वास्तव में अपनी Personality को develop करना चाहते हैं तो स्वयं को सभ्य, सुसंस्कृत और शिष्ट बनाइये। शिष्टाचार का अर्थ है – दूसरों से अच्छा व्यवहार करना, दूसरों का सम्मान करना, दूसरों को श्रेष्ठ महसूस कराना। सुसंस्कृत होने का अर्थ है – नैतिक मूल्यों को अपने जीवन और आचरण में उतारना। हम अपने जीवन में जो भी शिक्षा पाते हैं उसका प्रथम और मूल उद्देश्य ऊँचा पद पाने या पैसा कमाने की क्षमता प्रदान करना नहीं है, बल्कि मनुष्य को सभ्य, सुसंस्कृत और शिष्ट बनाना है।

यह हमारे नैतिक मूल्यों के प्रति विश्वास का दर्पण है जिसमे छोटी-छोटी बातें समायी हैं। जैसे – बड़ों का आदर करना, छोटों से प्यार से बातें करना, किसी बुजुर्ग या अपंग की सामयिक सहायता करना, स्त्रियों के प्रति सम्मान का भाव रखना, अनजाने में हुई भूलों को क्षमा करना। यहाँ तक कि आप अपने सभ्य और सुसंस्कृत होने का प्रमाण, एक छोटी सी मुस्कान और धन्यवाद से भी दे सकते हैं।

नीचे दी गयी बातें आपको सभ्य और शिष्ट बनने में अवश्य सहायक होंगी –

1. न तो दूसरों का मजाक बनाइये और न ही उन्हें नीचा दिखाइये।
2. दूसरों की भावनाओं को समझें और उनका ख्याल रखने वाले बनें।
3. मुस्कुराकर लोगों का तहेदिल से स्वागत करें।
4. तर्क करें लेकिन अशोभनीयता के साथ विवाद करके नहीं।

5. अच्छे श्रोता बनें, सिर्फ अपनी न कहें, दूसरों को भी उनकी बातें कहने का मौका दें।
6. दूसरों की बातों का सही अर्थ निकालें, भ्रम न पालें।
7. खुले विचारों वाले बने, निष्कपट बनें।
8. व्यवहार कुशल बनें – अर्थात किसी को नाराज किये बगैर अपनी बात कहने की काबिलियत।

20. Observe Yourself Everyday अपना आत्मनिरीक्षण प्रतिदिन करिये

इन्सान को गलतियों का पुतला बताया गया है, लेकिन गलती करने की यही आदत ही उसे पूर्णता के लक्ष्य की ओर ले जाती है। सभी प्राणियों में सिर्फ इन्सान को ही यह क्षमता हासिल हुई है कि वह भूलों से सबक लेकर अपनी उन्नति की यात्रा को बरक़रार रख सके। इस संसार में मनुष्यनिर्मित रचनाओं में जो कुछ भी आश्चर्यजनक और मनमोहक लगता है, उसके निर्माण में इन्सान की उन्ही भूलों और आत्मनिरीक्षण का योगदान है जिनके बल पर वह प्रगति की सीढियाँ चढ़ सका है।

यह Self Introspection अर्थात आत्मनिरीक्षण सिर्फ संसार के विकास में ही नहीं, बल्कि एक Magnetic Personality के development में भी उतना ही सहायक रहा है। क्योंकि यही मनुष्य को उसकी उन गलतियों के बारे में बताता है जो उसके लक्ष्य की बाधा बनी रहती हैं। प्रगति को जारी रखने के लिये जितनी जरुरत अच्छाइयों को ग्रहण करने की है, उतनी ही जरुरत बुराइयों और भूलों को पहचानने की भी है, ताकि सामना होने पर उनसे पार पाया जा सके।

हमें आशा है कि अगर उपर दी गयी 20 बातों को धीरे-धीरे ही सही, पर रोजाना अमल में लाया जा सके, तो छोटे और संकुचित व्यक्तित्व भी पर्वत के समान उन्नत और प्रभावशाली हो जायेंगे और एक शानदार Personality develop करने का आपका सपना भी जल्दी ही साकार हो सकेगा।

“मनुष्य वही बनता है, जैसा वह अपने बारे में सोचता है। यदि मुझे विश्वास हो कि मै यह काम नहीं कर सकता, तो यह विचार ही हमें उस कार्य के लिये अक्षम बना देता है। यदि मुझे विश्वास है कि मै इसे कर सकता हूँ तो यह क्षमता न होने पर भी अपेक्षित शक्ति का विकास स्वतः ही हो जाता है।”
– महात्मा गाँधी

 

प्रिय मित्र, उम्मीद है आपको आर्टिकल काफी अच्छा लगा होगा। हमने इस लेख को लिखने में अपना काफी वक्त लगाया है। कितना अच्छा हो अगर आप भी अपना थोडा सा सहयोग हमें दें और इस लेख को सोशल मिडिया पर शेयर करें। हमें बस आपके दो मिनट चाहियें। उम्मीद है आप इंकार नहीं करेंगे।