Tiger Meaning and Facts in Hindi

 

“बाघ एक बेहद शक्तिशाली मांसाहारी प्राणी है जो बिल्ली कुल का सबसे बड़ा सदस्य भी है। धुर्वीय भालू और भूरे भालू के बाद बाघ धरती का तीसरा सबसे बड़ा मांसाहारी जानवर है। ताकत और आकार के मामले में यह शेर जितना ही बलवान होता है।”

 

Tiger Meaning and Facts in Hindi

Tiger Meaning in Hindi में आज हम आपको न सिर्फ Tiger के अर्थ के बारे में बतायेंगे बल्कि, बिल्ली परिवार के सबसे बड़े सदस्य यानि Tiger से जुड़े दिलचस्प तथ्यों से भी परिचित करायेंगे। Tiger शब्द का अर्थ है – बाघ, व्याघ्र और वनराज। अपने रौबीले अंदाज, शान, गंभीरता और बेजोड़ शक्ति के कारण बाघ हर किसी का मनमोह लेते हैं। इसीलिये इसे जंगल का राजा और वनराज कहकर भी संबोधित किया जाता है।

बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह एक मांसाहारी जानवर है, जो अपने शिकार पर उसी तरह से घात लगाकर हमला करता है, जैसे बिल्ली कुल के दूसरे सदस्य करते हैं। टाइगर, तिब्बत, श्रीलंका और अंडमान निकोबार द्वीप-समूह को छोड़कर एशिया के दूसरे सभी भागों में पाये जाते है। भारत, रूस, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड और नेपाल, इन देशों में यह अधिक संख्या में पाये जाते है।

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टाइगर्स की रहस्यमय जिंदगी के बारे में जानिये

1. पूरे संसार में अब सिर्फ 3900 बाघ ही बचे हैं जिनमे से 2250 सिर्फ भारत में ही पाये जाते हैं। पशुओं का यह राजा वन, दलदली क्षेत्र तथा घास के ऊँचे मैदानों के पास रहना ज्यादा पसंद करता है। रॉयल बंगाल टाइगर तो जंगलों में अक्सर नदी के किनारे घूमते देखे जा सकते हैं, यही कारण हैं कि, वे अच्छी तरह से तैरना भी जानते हैं।

2. बाघ एक स्तनधारी प्राणी है क्योंकि यह भी दूसरे चौपायों की तरह बच्चों को जन्म देता है। Tiger औसतन 20 वर्ष तक जीता है, पर जंगल में इनकी उम्र चिड़ियाघर की तुलना में कुछ कम ही होती है। अभी तक का सबसे दीर्घजीवी बाघ, संरक्षित क्षेत्र में रहता था, जो 26 वर्ष तक जिया था।

3. अपने प्राकृतिक निवास में बाघों (Tigers) की कम आयु होने का मुख्य कारण, अधिकार क्षेत्र को लेकर होने वाली खूनी लड़ाइयाँ और शिकारियों द्वारा इनका अवैध शिकार है। कुदरतन बाघ एक रात्रिचर प्राणी है, आम तौर पर यह दिन के समय सोता हैं और रात के समय शिकार करता है।

 

Body and Size of A Tiger in Hindi

4. Tiger के शरीर का रंग लाल और पीले रंग का मिश्रण है। इसके पूरे शरीर पर काले रंग की धारियाँ पायी जाती है। हर बाघ के शरीर पर धारियों का एक विशिष्ट पैटर्न होता है। किन्ही भी दो बाघों के शरीर पर एक जैसी धारियाँ नहीं होती, लेकिन इनकी छाती (वक्ष) के भीतरी भाग यानि पेट और पाँवों का रंग सफेद ही होता है।

5. बिल्ली की सभी प्रजातियों में सिर्फ Tiger ही ऐसे हैं जिनके पूरे शरीर पर धारियाँ होती हैं। उपप्रजातियों के अनुसार धारियों की सघनता भी अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिये – सुमात्रन बाघ के शरीर की धारियाँ दूसरी किसी भी उपप्रजाति की तुलना में ज्यादा नजदीक होती हैं।

6. बाघों की यह धारियाँ इसे सिर्फ आकर्षक और सुन्दर ही नहीं बनाती हैं, बल्कि यह इसकी शिकार करने में भी मदद करती हैं। Tiger के उपरी शरीर पर बनी काली धारियाँ उन्हें शिकार करते समय, छिपने में मदद करती हैं।

7. बाघ की आँखों की पुतलियाँ (Pupils) गोलाकार होती हैं, जबकि पालतू बिल्लियों की पुतलियाँ कुछ तिरछी होती हैं। ऐसा इसलिये है, क्योंकि बिल्लियाँ रात्रिचर होती हैं, जबकि Tiger मुख्यतः सुबह और शाम के समय शिकार करते हैं।

8. बाघ की खोपड़ी (Tiger Skull) बिल्कुल शेर की खोपड़ी जैसी ही होती है, सिवाय इस बात के कि शेर की खोपड़ी में नासिका छिद्र कुछ चौड़े होते हैं।

बाघ का आकार और उनके शारीरिक गुणधर्म

9. हर टाइगर के कान के पीछे सफेद रंग के गोल धब्बे होते हैं। जिनके बारे में माना जाता है कि वह पीछे से हमला करने वाले हमलावरों को डराने के लिये आँख का काम करते हैं। एक अन्य सिद्धांत के अनुसार, यह बाघ शावकों (Tiger Cubs) की, उनकी माँ के लम्बी घास से गुजरते समय, उसका अनुसरण करने में मदद करते हैं।

10. बाघों के शरीर का आकार भी भिन्न-भिन्न होता है। मादा बाघ (Tigress), नर बाघ से थोड़ी छोटी होती है। नर और मादा बाघ के आकार में अंतर बाघों की बड़ी उपप्रजातियों में और ज्यादा होता है। यहाँ तक कि नर बाघ (Male Tiger) मादा बाघ की तुलना में 1.7 गुणा ज्यादा भारी हो सकता है।

11. आम तौर पर नर बाघों (Male Tigers) का वजन 90 से 306 किग्रा और लम्बाई 8.2 से 12.8 फीट तक होती है। वहीँ मादा बाघ (Tigress) का वजन 65 से 167 किग्रा और लम्बाई 6.56 से 9.02 फीट तक होती है।

साइबेरियन टाइगर होते हैं सबसे लम्बे

12. कन्धों की ऊँचाई के सन्दर्भ में बंगाल टाइगर और साइबेरियन टाइगर बिल्ली परिवार में सबसे लम्बे होते हैं। सुंडा आइलैंड के बाघ (Tigers of Sunda Island), मुख्य भूमि एशिया के बाघों की तुलना में छोटे और हल्के होते हैं।

13. बाघ (Tiger’s Roar) की दहाड़ 2 मील दूर से भी सुनी जा सकती है। बाघ कई तरह की आवाजें निकाल सकता है, जिसमे दहाड़ना, गुर्राहट, हिस्स-हिस्स करना, सुबकना शामिल है।

14. बाघों का 95.64 % डीएनए बिल्लियों से मिलता है। यही कारण है कि इन्हें बिल्ली परिवार का ही बड़ा सदस्य माना जाता है।

15. ज्यादातर Tigers की आँखे पीले रंग की होती हैं और इनके मूत्र से मक्खनयुक्त पॉपकॉर्न की गंध आती है।

 

Wonderful Life of Tigers in Hindi

बहुत गर्वीले होते हैं टाइगर्स

16. बाघ, चाहे वह नर हो या मादा अपने अधिकार क्षेत्र को लेकर बहुत चौंकन्ने रहते हैं। छोटी और युवा बाघिन (Young Tigress) अपना पहला इलाका अपनी माँ के अधिकार क्षेत्र के पास बनाती हैं। लेकिन छोटे नर बाघों (Male Tigers) में गर्व की भावना कुछ ज्यादा ही होती है, इसीलिये वह काफी दूर जाकर अपना इलाका तय करते हैं। बाघों के ज्यादातर झगडे सिर्फ इलाके के अतिक्रमण को लेकर होते हैं। इन खूनी अदावतों में 30-35 % व्यस्क बाघ (Adult Tigers) हर साल मारे जाते हैं।

17. अपने अधिकार क्षेत्र को तय करने का बाघों का तरीका भी दिलचस्प ही है। नर बाघ (Male Tigers) पेड़ों पर पेशाब करके और गुदा ग्रंथियों का स्राव छोड़कर अपना इलाका तय करते हैं। इसके अतिरिक्त वह पेड़ों और जमीन पर भी अपने पंजों से खुरचकर निशान बनाते हैं। बाघिन (Tigress) भी ज्यादातर मामलों में ऐसा ही करती हैं, लेकिन इलाके के मामले में बाघिन, बाघों की तुलना में काफी उदार होती हैं।

18. इलाके का अतिक्रमण होने पर ज्यादातर मामलों में Tiger सीधे लड़ाई से बचना पसंद करते हैं। इसके स्थान पर वह एक-दूसरे को अपनी गुर्राहट और फुर्ती से डराने का प्रयास करते हैं। ऐसी कई घटनाएँ देखी जा चुकी हैं जिनमे डरे हुए बाघों ने कमर के बल लुढ़कते हुए और विनम्र मुद्रा में पेट दिखाते हुए अपनी पराजय स्वीकार कर ली थी।

19. बाघ प्रायः दूसरे जानवरों पर नहीं दहाड़ते हैं, बल्कि वह दूर रह रहे Tigers से संवाद स्थापित करने के लिये दहाड़ते हैं। हमला करने के लिये उत्सुक बाघ भी आम तौर पर दहाड़ते नहीं हैं, बल्कि हिस्स-हिस्स करके और फुफकार करते हुए अपने प्रतिद्वन्धी का सामना करते हैं।

शानदार मगर बेहद क्रूर जानवर है बाघ

बाघ को सभी माँसाहारी प्राणियों में सबसे ज्यादा निर्दयी (Tiger is The most Cruel Animal) माना जाता है, पर ऐसा क्यों है, इसके पीछे कोई खास वजह नजर नहीं आती। इसे बेहद हिंसक और क्रूर पशु मानने के पीछे एक कारण इसकी इंसानों पर हमला करने की प्रवृत्ति भी हो सकती है। विशेषकर भारत में तो नरभक्षी बाघों (Man-eater Tigers) का मिलना एक आम बात है।

न सिर्फ आज से कई दशक पहले तक, बल्कि आज भी हर इन्सान बाघों को देखकर खौफ खाता है। यहाँ तक कि कई बार तो ग्रामीण लोग Tiger की दहशत के कारण कई-कई दिन तक खेत और खुले में जाने से भी डरते हैं। पर क्या कारण है कि लोग इससे इतना डरते है? चलिये अब हम आपको बाघ के इस डर के बारे में विस्तार से बताते हैं –

Man Eaters Tigers in Hindi नरभक्षी बाघ

20. विश्व प्रसिद्ध शिकारी जिम कार्बेट ने एक ऐसी मादा बाघ ‘चम्पावत टाइगर’ का शिकार किया था, जिसने हिमालय की तराई में बसे भारतीय और नेपाली इलाकों में घुसकर 430 इंसानों की जाने ले ली थीं। इसके अलावा उन्होंने एक ऐसे ही नर बाघ का शिकार किया था जो 120 लोगों को मार चुका था। हालाँकि ज्यादातर नरभक्षी बाघ (Man-eater Tigers) बूढ़े और घायल थे और कैनाइन टीथ टूट जाने की वजह से वह आम शिकारों का पीछा नहीं कर सकते थे।

21. उदाहरण के लिये चम्पावत टाइगर के दो कैनाइन टूटे हुए थे, जिसकी वजह से वह इंसानों पर हमला करने को विवश हुई। अपने जीवनकाल में जिम कार्बेट ने ऐसे लगभग 100 से भी ज्यादा Tigers का शिकार किया था जो 3000 से भी ज्यादा लोगों का जीवन लील गये थे।

200 वर्षों में 3 लाख लोगों की जाने ली हैं टाइगर्स ने

22. अपनी विख्यात पुस्तक “मैन ईटर्स ऑफ कुमायूँ” में उन्होंने ऐसे ही कई नरभक्षी बाघों (Man-eater Tigers) के बारे में बताया है, जिन्हें इंसानों के लिये बहुत बड़ा खतरा सिद्ध होने पर उन्हें मजबूरन गोली से मारना पड़ गया था। जंगली जानवरों के इतिहास में किसी अन्य वन्य जीव द्वारा इंसानों की हत्या करने के इतने ज्यादा मामले देखने को नहीं मिलते, जितने कि बाघों के।

23. सन 1969 से सन 1971 के बीच की अवधि में सुंदरवन में 129 लोगों की मौत बाघों के हमले (Tiger Attacks) से हुई।

24. सन 1998 से 2001 के बीच अमेरिका में पिंजरे में बंद बाघों (Captive Tigers) के हमले में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गयी या फिर वह गंभीर रूप से घायल हो गये। यही कारण है कि इसे आदमखोर, नरभक्षी, और बहुत क्रूर जानवर माना जाता है।

 

Blatant Facts about Tigers in Hindi

अब आप सोचेंगे कि क्या बाघ वाकई में इतना शक्तिशाली होता है, जितना कि इसका हौवा फैलाया जाता है? इससे पहले कि आप अपने मस्तिष्क को उलझन में डालें, हम आपको टाइगर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बाते बतायेंगे –

ताकत और शक्ति के मामले में बेजोड़ है बाघ

25. बाघ बिल्ली परिवार का सबसे बड़ा सदस्य है; जी हाँ, शेर यानि Lion से भी बड़ा। अफ्रीका में पाये जाने वाले सिंहों की लम्बाई पूँछ से लेकर सिर तक, औसतन 7 से 9 फुट होती है। शेर की अधिकतम लम्बाई 9.5 फुट से अधिक नहीं होती, जबकि Tigers की औसत लम्बाई 8 से 10 फीट तक होती है। यहाँ तक कि बाघों की सबसे बड़ी प्रजाति साइबेरियाई बाघ (Amur Tiger) की लम्बाई तो 13 फीट तक हो सकती है। बाघों की ऊँचाई 3 से 4 फीट तक होती है।

26. बाघ के कैनाइन टीथ ढाई से साढ़े तीन इंच लम्बे, नुकीले और बेहद मजबूत होते है। यह कितने मजबूत होते हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि Tiger सिर्फ एक बार में ही अपने दांतों के प्रहार से अपने शिकार की रीढ़ की हड्डी तोड़ सकता है। इसके यह चार दाँत शिकार करते समय इसका सबसे बड़ा हथियार हैं। दांतों की तरह ही Tiger के जबड़े भी बहुत मजबूत होते हैं।

27. बाघ के नाखून बेहद कठोर, मजबूत और बेहद नुकीले होते हैं। जब यह अपने पंजों को शिकार के शरीर में घुसा देता है, तब बड़े से बड़ा पशु भी इनकी गिरफ्त से आजाद नहीं हो सकता है। Tiger के नुकीले नाखून शिकार की चमड़ी और माँस को किसी कागज़ की तरह से फाड़ डालते हैं।

28. बिल्लियों की तरह बाघ के पैर भी गद्देदार होते हैं जिससे यह उबड़-खाबड़ सतह पर भी बिना कोई आवाज किये सरलता से चल सकते हैं। Tiger की यह खासियत इन्हें अपने शिकार के ज्यादा से ज्यादा नजदीक पहुँचने में मदद करती है।

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दुनिया का सबसे खतरनाक शिकारी है टाइगर

29. बाघ सिर्फ अपनी लम्बाई के कारण ही नहीं पहचाने जाते हैं, बल्कि इनका वजन भी उसी परिमाण में बढ़ा-चढ़ा होता है। एक स्वस्थ और व्यस्क बाघ (Healthy and Adult Tiger) का वजन 320 किलो तक हो सकता है।

30. बाघ की आँखें इंसानों की आँखों से छह गुणा ज्यादा बेहतर तरीके से देख सकती है। यहाँ तक कि अँधेरी रात में भी इन्हें शिकार करने में कोई दिक्कत नहीं होती।

31. Tiger की पिछली टाँगे इसकी अगली टाँगों से लम्बी होती हैं। इनकी यह शारीरिक खूबी इन्हें एक ही कूद में 20-30 फीट का फासला तय करने में मदद करती है।

32. बाघ के मस्तिष्क (Tiger’s Brain) का वजन भले ही सिर्फ 300 ग्राम हो, लेकिन फिर भी यह संसार के समस्त माँसाहारी जानवरों में ध्रुवीय भालू के बाद, दूसरा सबसे बड़ा दिमाग है।

33. Tiger के अगले पंजे बेहद शक्तिशाली और सिर काफी बड़ा होता है। इसकी पूँछ की लम्बाई इसके शरीर की आधी होती है।

34. बाघ की टाँगे इतनी मजबूत होती हैं कि यह मरने के बाद भी कुछ समय तक खड़े रह सकते हैं।

35. टाइगर की लम्बी व भारी पूँछ, शिकार के दौरान भागते समय इसके शरीर का नियंत्रण बनाए रखती है। जिससे यह बिना गिरे, आसानी से किसी भी दिशा में मुड सकता है।

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टाइगर का सबसे बड़ा हथियार

36. बाघ के मजबूत जबड़े और तेज पंजे इसका सबसे अचूक हथियार हैं। इसकी पकड़ भी बहुत मजबूत होती है। उपर से बिजली जैसी फुर्ती से अचानक आक्रमण करने की इसकी क्षमता इसे एक कामयाब शिकारी बनाती है। पर इतना सब होने के बावजूद टाइगर के शिकार करने की सफलता की दर सिर्फ 5 से 10 % तक होती है।

37. आम तौर पर बाघ 20 फीट लम्बी और 8 फुट ऊँची छलांग लगाते देखे गये हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि Tiger जरुरत पड़ने पर 30 फीट लम्बी और 12 फीट ऊँची छलांग तक लगा सकते हैं।

38. बाघ बहुत ही अच्छे तैराक होते हैं। यह बड़ी आसानी से लगभग 7 किमी चौड़ी नदी को तैरकर पार सकता है और एक दिन में 29 किमी की दूरी तय कर सकता है।

39. सन 1980 के दशक में रणथम्भौर नेशनल पार्क का एक Tiger, गहरी झील के पानी से निकलकर अक्सर इसी तरह से शिकार करता था।

40. अपने मजबूत और गद्देदार पैरों की बदौलत, बाघ कुछ ही मिनट के अन्तराल में बड़ी-बड़ी छलांगों के साथ लम्बी दूरी तक दौड़ सकता है।

41. Tiger 65 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकता है। हालाँकि भारी शरीर होने के कारण यह बहुत ज्यादा दूर तक नहीं भाग सकते हैं।

42. बाघ आम तौर पर पेड़ों पर नहीं चढ़ता है। लेकिन ऐसी कुछ घटनाएँ भी दर्ज हैं, जिन्होंने इसके पेड़ों पर चढ़ने की पुष्टि की है।

43. Tiger न सिर्फ लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है, बल्कि यह काफी दूरी से भी अपने शिकार को दौड़कर पकड़ सकता है।

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Tiger is A Deadly Killer in Hindi

माहिर और अचूक शिकारी है बाघ

44. बाघ बड़ी एकाग्रता और धैर्य से शिकार करता है। हालाँकि वह बहुत तेज रफ्तार से दौड़ सकता है, लेकिन भारी-भरकम शरीर के कारण बहुत जल्दी थक जाता है। इसीलिये शिकार का लंबी दूरी तक पीछा करना उसके बस की बात नहीं है। अपने प्रयास में सफल होने के लिये Tiger छिपकर शिकार के बहुत नजदीक पहुँचता है और फिर एक दम से उस पर टूट पड़ता है। शिकार के तेज भागने के कारण, अगर बाघ कुछ गज की दूरी से ही उसे न दबोच सके, तो वह शिकार को छोड़ देता है।

45. आम तौर पर Tiger पूर्ण विकसित व्यस्क हाथियों और भारतीय गैंडों का शिकार करने से बचते हैं, लेकिन इन जानवरों के बच्चों पर बाघों के हमला करने की कई घटनाएँ दर्ज हैं। 19वीं सदी के दौरान Tigers की उन हाथियों पर हमला करके मारने की कई घटनाएँ प्रकाश में आयी हैं, जिन पर इन्सान सवार होकर टाइगर हंटिंग को अंजाम देते थे। निश्चित रूप से यह संघर्ष अपने अस्तित्व पर आये संकट के कारण ही पैदा होता था, अन्यथा बाघ, हाथियों से बचना ही पसंद करते हैं।

46. आम तौर पर टाइगर अपने शिकार को दम घोटकर या रक्त बहाकर मारते हैं। शिकार को मारने के लिये बाघ ज्यादातर अपने मजबूत और पैने दांतों का इस्तेमाल करता है, लेकिन कभी-कभी वह अपने पंजों का भी इस्तेमाल कर लेते हैं। टाइगर के अगले पंजों का एक ही प्रहार इतना शक्तिशाली होता है कि किसी भालू की खोपड़ी तोड़ दे या फिर इसकी कमर तोड़ दे।

घात लगाकर हमला करते हैं टाइगर्स

47. बाघ रात के समय अकेले शिकार करना पसंद करते हैं। Tigers के रात में क्रियाशील होने की एक वजह यह भी है कि वह दिन के समय इंसानों से होने वाली मुठभेड़ से दूर ही रहना पसंद करते हैं।

48. बाघ अक्सर पीछे से घात लगाकर हमला करता है। अपने धारीदार शरीर के कारण, शिकार का पीछा करते समय टाइगर झाड़ियों के बीच इस प्रकार छिपा रहता है कि शिकार उसे देख ही नहीं पाता।

49. शेरों, भेडियों और बिल्ली कुल के दूसरे सदस्यों की ही तरह बाघ भी अपने शिकार का गला पकड़कर, उसकी श्वास नली फाड़कर (दम घोंटकर) मार डालते हैं या फिर उसकी रीढ़ की हड्डी तोड देते हैं।

50. टाइगर आसानी से दूसरे जानवरों की आवाज की नकल कर सकते हैं। इनकी यह खूबी इन्हें शिकार को अपनी तरफ आकर्षित करने में मददगार होती है।

51. अपने मजबूत और ताकतवर दांतों और जबड़ों की मदद से, Tiger शिकार की हड्डी को भी चीर सकता है।

इन जानवरों का शिकार करता है टाइगर

52. भूख लगने पर Tiger, दूसरे परभक्षी जानवरों, जैसे – शिकारी कुत्ते, तेंदुएँ, अजगर, मगरमच्छ, चित्तीदार लकडबग्घे, भालू और भेडियों का भी शिकार कर सकता है। कभी-कभी मगरमच्छ, भालू और ढोलों (शिकारी कुत्तों) का बड़ा झुण्ड बाघों के विरुद्ध संघर्ष जीत जाते हैं और कुछ मामलों में तो इन्हे मार भी डालते हैं।

53. व्यस्क बाघ (Adult Tiger) दो सप्ताह तक बिना कुछ खाये रह सकता है और फिर एक बार में 34 किलो माँस तक खा सकता है। पिंजरे में बंधक बने रहने वाले बाघों (Captive Tigers) को हर रोज 3 से 6 किलो माँस दिया जाता है।

54. बाघ जिन जानवरों का शिकार करता है, वह अक्सर मध्यम और बड़े आकार के होते हैं, जिनका वजन 60 किग्रा से लेकर 250 किग्रा तक हो सकता है।

खाने की कीमत समझता है टाइगर

55. टाइगर अपना भोजन बेकार करना पसंद नहीं करता। पेट भरने के बाद अगर शिकार बचता है, तो यह उसे झाड़ियों या पत्तियों में छिपा देता है।

56. Tiger मुख्य रूप से सांभर, चीतल, जंगली सूअर, भैंसे, जंगली हिरण, गौर और इंसानों के पालतू पशुओं को खाना पसंद करता हैं।

57. एक बार शिकार कर लेने के बाद बाघ तब तक कोई शिकार नहीं करता, जब तक कि वह उसे पूरा नहीं खा लेता।

58. Tiger कभी-कभी दिन में भी चीतल, जंगली सूअर और गौर के बच्चों का शिकार कर लिया करता है।

59. अपने शिकार को मारने के बाद बाघ उसे खींचकर पास उगी हुई झाडीयों में छिपा देता है।

60. शिकार की तलाश में टाइगर एक बार में 10 मील दूर तक चल सकते हैं।

 

Early Life of Tigers in Hindi

61. बाघ पूरे साल मिलन करते रहते हैं, लेकिन इनके ज्यादातर शावकों का जन्म मार्च से जून महीने के बीच ही होता है। बाघिन (Tigress) ऋतुकाल के सिर्फ 3 से 6 दिनों के लिये ही मिलन के लिये उत्सुक होती है और इस दौरान मिलन अक्सर कई बार और शोर-शराबे से भरा होता है।

62. व्यस्क बाघ (Adult Tiger) ज्यादातर अकेले ही रहना पसंद करते हैं। नर तथा मादा बाघ केवल प्रजननकाल में ही इकट्ठा होते हैं।

63. मादा बाघ (Tigress) का गर्भधारण काल 93 से 114 दिनों का होता है और यह एक बार में 2 या 3 बच्चों को जन्म देती हैं।

टाइगर के जन्म से जुडी जरुरी बातें

64. जन्म के समय टाइगर शावक का वजन 780 ग्राम से 1.6 किग्रा तक होता है और इनकी आँखें पूरी तरह से बंद होती हैं।

65. पहले दो वर्षों के दौरान बाघ शावकों की मृत्यु दर लगभग 50 प्रतिशत रहती है।

66. जन्म के 12 से 14 दिन बाद ही यह शावक अपनी आँखे खोलते हैं।

67. जब बाघ शावक दो सप्ताह का होता है, तब इसके दूध के दांत टूटते हैं।

68. 2 महीने की उम्र होने पर, बाघ के शावक माँस खाना शुरू कर देते हैं।

टाइगर्स का पारिवारिक जीवन

69. जब कई बाघ किसी शिकार के नजदीक इकठ्ठा होते हैं, तो आम तौर पर नर बाघ (Male Tigers) बाघिन और बच्चों के पहले भोजन करने का इंतजार करते हैं। वहीँ शेरों की कहानी इसके ठीक उलट होती है, जो बाघों के बिल्कुल विपरीत बर्ताव करते हैं। शिकार खाने को लेकर बाघ, समूह के साथ शायद ही कभी लड़ते देखे जाते हैं, वह चुपचाप अपनी बारी का इंतजार करते हैं।

70. जन्म के 11 से 12 महीने पश्चात बाघ शावक अपने बलबूते पर शिकार करना शुरू कर देते हैं और 18 से 20 मास की आयु होने पर यह पूरी तरह से आत्म-निर्भर हो जाते हैं। जब बाघ शावक दो से 2.5 वर्ष के हो जाते हैं तब यह अपनी माँ से अलग हो जाते हैं।

71. जहाँ शेर अपने स्थायी झुण्ड में ही रहना पसंद करते हैं और अपने परिवार और बच्चों का ख्याल रखते हैं, वहीँ Tiger अपने जीवन का ज्यादातर हिस्सा एकांत में ही गुजारते हैं। Tigers को झुण्ड में देखना एक दुर्लभ अनुभव है।

72. छोटे बाघ शावक अक्सर पानी में खेलते नजर आते हैं, जबकि व्यस्क बाघ (Adult Tigers) नदी या झील की धाराओं में घुसकर अपने शरीर को ठंडा करते हैं।

73. बाघिन अपने शावकों को 5 से 6 महीने तक दूध पिलाती है।

74. बाघ के बच्चे 5 वर्ष की आयु होने तक लगातार बढ़ते रहते हैं।

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Amazing Facts about Tiger in Hindi

75. भले ही यह पढने और सुनने में आश्चर्यजनक लगे लेकिन सच है कि टाइगर का लिंग उत्तेजित होने पर भी कड़ा नहीं होता है। दरअसल इसके पीछे एक तार्किक कारण है, क्योंकि बाघों का लिंग (Tiger’s Penis) वास्तव में एक पेनिस बोन की तरह कार्य करता है। लिंग की इस हड्डी को बैकुलम भी कहते हैं जो सभी स्तनधारी और प्राइमेट्स में उपस्थित रहती है। बैकुलम के कारण नर बाघ (Male Tiger) को बाघिन के साथ सेक्स करते समय काफी मदद मिलती है। क्योंकि सम्भोग करते समय यह उसके द्वारा खुद को और बाघिन को एक बंधन में बाँध लेता है, ताकि जब तक कि इसके शुक्राणु मादा के शरीर में जाकर पूरी तरह से अवशोषित न हो जाय, तब तक बाघिन सेक्स क्रिया को अधूरा छोड़कर, दूसरे बाघ के साथ न मिलन कर सके। इस तरह यह अपनी वंश-परंपरा को सुरक्षित रखता है। अगर आपने कभी कुत्तों को मिलन करते देखा होगा, तो फिर समझ ही गये होंगे।

76. आम तौर पर बिल्लियों की याददाश्त दूसरे किसी भी जानवर की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर होती है। इनकी स्मृति कुत्तों से सैकड़ों गुणा ज्यादा अच्छी और प्राइमेट्स से दर्जनों गुणा ज्यादा बेहतर होती है। टाइगर की शोर्ट-टर्म मेमोरी भी, इंसानों की तुलना में 30 गुणा ज्यादा लम्बे समय तक बरकरार रहती है। जिसका अर्थ है कि बाघ ज्यादा याद कर सकते हैं, और चीजों को आसानी से उस तरह नहीं भूलते जिस तरह से हम इन्सान भूल जाते हैं।

77. टाइगर घुरघुरा नहीं सकते हैं, अर्थात वह इस तरह से नहीं हँस सकते हैं जैसे कि बिल्ली कर सकती है। अपनी खुशी दिखाने के लिये बाघ या तो अपनी आँखे बंद कर लेते हैं या फिर उन्हें झपकाते हैं। ऐसा इसलिये है क्योंकि दृष्टि मंदी होने पर बचाव भी धीमा हो जाता है। इसलिये बाघ ऐसा जानबूझकर तभी करते हैं, जब वह सुकून और सुरक्षित महसूस करते हैं।

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बहुत अद्भुत है टाइगर्स की दुनिया

78. दूसरे जानवरों की तरह बाघ अपनी जीभ के उपर पानी को रोककर के, पानी नहीं पीते हैं, क्योंकि उनकी जीभ पर उगे मांस के रोयें इसमें मुश्किल पैदा करते हैं। इसके स्थान पर Tiger अपनी जीभ के पिछले हिस्से को पोला करके पानी की बूंदों को हवा में उछालते हैं, जिन्हें फिर वह अपने मुँह में भर लेते हैं।

79. सिगफफ्राइड और रॉय, जो जानवरों के करतब दिखाने वाले जादुई एंटरटेनर थे, उस घटना के बाद से अपना शो बंद कर दिया था, जब एक सात वर्षीय बाघ (7 Year Old Tiger) ने रॉय की गर्दन पर काट खाया था और उससे एक बाघ शावक की तरह बर्ताव करने का प्रयास किया था।

80. बिल्ली परिवार के दूसरे सदस्यों की तरह बाघों की जीभ की उपरी सतह भी मांस के खड़े रोयों से ढकी होती है, ताकि जब वह अपनी जीभों से खुद को साफ करें, तो उनकी फर में भी साथ-साथ कंघी होती रहे।

81. बाघों के सूँघने की क्षमता भी बहुत जबरदस्त होती है। यह दूसरे Tigers के मूत्र की गंध सूंघकर ही उनकी उम्र, लिंग और प्रजनन स्थिति का पता लगा लेते हैं।

82. बाघ की लार में एंटीसेप्टिक तत्व पाये जाते हैं, इसलिये चोट लगने पर यह अपने घावों को चाट कर उन्हें जीवाणुओं से रहित कर देते हैं।

टाइगर्स से जुड़े कुछ अविश्वसनीय तथ्य

83. बाघ के मस्तक पर बने निशान बहुत हद तक, चीनी भाषा के राजा के प्रतीक चिन्ह जैसे प्रतीत होते हैं, जिससे Tiger को एक सांस्कृतिक पहचान भी मिलती है। E

84. मशहूर लेखक रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध पुस्तक जंगल बुक (सन 1894) का विलेन शेर खान एक खतरनाक बाघ (Deadly Tiger) ही था।

85. Tiger अक्सर तालाबों, झीलों और नदियों में नहाते है, ताकि दिन की तेज गर्मी में अपने शरीर को ठंडा रख सके।

86. बाघ चीनी ज्योतिष के प्रतीक जानवरों (Chinese Zodiac Animals) में से एक है।

87. इंसानों की ही तरह Tiger भी रंगों की पहचान कर सकते हैं, उन्हें देख सकते हैं।

88. बाघों का समूह अम्बुश (Ambush) या स्ट्रीक (Streak) कहलाता है।

89. टाइगर 18 हर्टज तीव्रता तक की आवाज निकाल सकता है।

यदि सन 1800 से लेकर सन 2009 तक के वैश्विक आँकड़ों को सम्मिलित किया जाय, तो बाघों द्वारा कुल 3,73,000 इंसान मारे जा चुके हैं।
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