10 Weird Stories of Indian Kings in Hindi

 

“इतिहास अनोखे इंसानों और उनकी अजीबोगरीब आदतों तथा शौकों से भरा पड़ा है। इन विचित्र लोगों में राजकुल में जन्म लेने वाले राजा और रानियाँ भी शामिल हैं, जिन्हें उनके विवादास्पद अतीत, शौक और किस्से-कहानियों के लिये याद किया जाता है।”

 

Story of Indian Kings in Hindi
अपनी सनक के लिये मशहूर थे यह राजा-महाराजा

Weird Indian Kings in Hindi राजाओं की विचित्र कहानियाँ

सन 1947 में देश के आजाद होने से पहले संपूर्ण भारत सैकड़ों छोटी-बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था। जिन पर राज करते थे, मुँह में चाँदी की चम्मच लेकर पैदा हुए, ऐश्वर्य और विलासिता में पले, शाही रौब-दौब वाले राजा-महाराजा। जिनके लिये हर वस्तु पहले से उपलब्ध थी, जिन्हें अपार पुण्यों के फलस्वरूप विरासत में ही, ईश्वरीय उपहार के रूप में एक बड़ा राज्य और एक आलीशान जिंदगी हासिल हुई थी।

आज भले ही उनका अस्तित्व इस धरती से मिट गया हो, लेकिन किस्से-कहानियों के माध्यम से वह किसी न किसी रूप में अवश्य जीवित रहेंगे। Story of Weird Indian Kings in Hindi में न केवल हमें उनकी शाही जीवनशैली और विचित्र आदतों के विषय में पता चलेगा, बल्कि उनके ऐश्वर्य और झक्कीपन का नमूना भी देखने को मिलेगा। अगर हम अपने देश के इन शासकों को “सारे जग से निराला” कहें, तो शायद कुछ गलत नहीं होगा। आखिर ये तथ्य और सिद्ध भी क्या करते हैं –

1. Alvar King in Hindi अलवर के राजा जय सिंह

Weird King of Alvar in Hindi: व्यक्ति के आत्म-सम्मान पर पड़ी चोट उससे क्या कुछ नहीं करवा सकती, यदि इस बात का कोई ज्वलंत प्रमाण आपको देखना हो, तो अलवर के महाराज जयसिंह प्रभाकर (1882–1937) से बढ़कर उदाहरण कहीं नहीं मिल सकता। इन्टरनेट पर इस घटना को कई राजाओं से जोड़कर दिखाया गया है, लेकिन वह ठीक नहीं हैं। यह महाराज जय सिंह प्रभाकर पुत्र श्री मंगल सिंह प्रभाकर के ही जीवन की महत्वपूर्ण घटना है।

यह 20वीं सदी के शुरुआती दशक के अंतिम दिनों की बात है, जब अलवर नरेश घूमने के लिये लन्दन गये हुए थे। इसी क्रम में वे एक दिन बांड स्ट्रीट पर सादे सामान्य वस्त्रों में टहल रहे थे। उसी सड़क पर निकट ही रॉल्स रॉयस का शोरूम भी था। महाराज ने जब वहाँ शानदार, चमचमाती, दिलकश गाड़ियों को देखा, तो वह कारों की कीमत और उसकी खूबियाँ जानने के लिये शोरूम के अंदर चले गये।

चूँकि महाराज साधारण वस्त्र पहने हुए थे, इसलिये शोरूम के सेल्समैन ने भी उन्हें एक गरीब भारतीय ही समझा और उन्हें अपमानित कर शोरूम से लगभग बाहर ही निकाल दिया। इस अपमान के पश्चात महाराज जयसिंह वापस अपने होटल के कमरे पर लौट आये और उन्होंने अपने नौकरों के जरिये शोरूम तक यह सन्देश भिजवाया कि अलवर के राजा उनकी कुछ कारों को खरीदना चाहते हैं।

कुछ घंटों के पश्चात अलवर नरेश फिर से शोरूम पहुँचे, पर इस बार वह एक राजा की शानो-शौकत के साथ आये थे और अपने शाही लिबास में थे। उनके आने की सूचना पर शोरूम के कर्मचारियों ने पहले ही रेड कारपेट(लाल कालीन) बिछा दिया था और सारा स्टाफ उनकी अगवानी के लिये तैयार खड़ा था। महाराज ने उस समय शोरूम में खड़ी छहों गाड़ियों को खरीद लिया और पूरी रकम का भुगतान कर दिया।

जब वे महँगी गाड़ियाँ भारत पहुंची, तो अलवर नरेश के आदेश पर छहों रॉल्स रॉयस को शहर की सफाई के काम में लगा दिया गया। जहाँ सफाई कर्मचारी उनमे कूड़ा-करकट, कचरा और शहर की तमाम गंदगी लादकर ले जाते। जल्दी ही यह सनसनीखेज खबर पहले सारे भारत में और फिर सारी दुनिया में फ़ैल गई कि दुनिया की सबसे महँगी और आलीशान कार को कूड़ा-कचरा ढोने में इस्तेमाल किया जा रहा है।

इससे रॉल्स रॉयस कंपनी की साख घटने लगी और उसका मजाक उड़ाया जाने लगा। जब भी यूरोप और अमेरिका में कोई व्यक्ति इस बात की डींग हाँकता कि उसके पास एक रॉल्स रॉयस कार है, तो लोग उसका मजाक उड़ाते हुए कहते, “कौन सी कार?” अच्छा वह, जिससे भारत में शहर का कचरा ढोया जा रहा है।

इस तरह कंपनी का नाम खराब होने से कारों की बिक्री तेजी से घटने लगी और उसका राजस्व कम होने लग गया। जब कंपनी को असली बात का पता चला, तो उन्होंने अलवर नरेश से माफ़ी मांगी और उनसे उन आलीशान गाड़ियों में कचरा न ढुलवाने की अपील की। इतना ही नहीं उन्होंने महाराज को छह नई रॉल्स रॉयस गाड़ियाँ मुफ्त में देने का प्रस्ताव भी रखा था।

2. Junagarh King in Hindi जूनागढ़ के नवाब महाबत खान

Weird King of Junagarh in Hindi: भारत के सबसे विचित्र शासकों में जूनागढ़ के नवाब महाबत खान रसूल खान को भी प्रमुखता से रखा जा सकता है, जिन्हें कुत्तों से बेहद प्यार था। कहा जाता है कि उनके पास 800 से भी अधिक कुत्ते थे और हर श्वान के लिये एक व्यक्तिगत अनुचर था। अर्थात हजारों व्यक्ति केवल कुत्तों की रखवाली करने के लिये तैनात थे, जिन्हें राजकोष से धन दिया जाता था, पर शायद इतना ही काफी नहीं था।

बादशाह न केवल कुत्तों के विवाह करवाते, बल्कि उनके वैवाहिक समारोह के लिये शानदार जलसे भी आयोजित करवाते थे। जिनमे लाखों रुपयों का व्यय होता था और जिसमे रियासत के बड़े-बड़े लोगों के अलावा पडोसी राज्यों के राजा-महाराजा तक आमंत्रित होते थे। उस शुभ दिन पर राज्य की ओर से अवकाश घोषित करवा दिया जाता था।

हो सकता है कई लोगों को नवाब का यह शौक एक विचित्र सनक या पागलपन लगे, लेकिन कुछ लोगों को वह एक आला दर्जे के पशुप्रेमी (पेट लवर) भी प्रतीत हो सकते हैं। पर इतना तो तय है कि शायद ही इस दुनिया में, कुत्तों या जानवरों से इतना अधिक प्रेम करने वाला कोई दूसरा व्यक्ति आज तक पैदा हुआ हो और आगे भी शायद ही कोई हो।

 

History of Indian Kings in Hindi

3. Mysore King in Hindi मैसूर के राजा कृष्णराज वाडियार IV

Weird King of Mysore in Hindi: मैसूर के महाराज कृष्णराज वूडियार ने अपने नौकरों को सूरज की तेज धूप से बचाने के लिए एक विशेष प्रकार की रॉल्स रॉयस कार को बनाने का आदेश दिया था। सन 1911 में निर्मित यह कार जब लगभग 100 वर्षों के लम्बे अंतराल के पश्चात एक नीलामी में बिकी, तो इसकी कीमत देखकर सब दंग रह गये।

यह कार चार लाख पौंड यानी 4 करोड़ रूपये से भी अधिक कीमत में बिकी। सन 1940 में जब महाराज की मृत्यु हुई थी, तो उस समय वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे और उनकी कुल संपत्ति 35 बिलियन पौंड से भी अधिक थी।

4. Patiala King in Hindi पटियाला के महाराज भूपेंद्र सिंह

Weird King of Patiala in Hindi: पटियाला रियासत के राजा भूपिंदर सिंह भी अपनी शानदार, भड़कीली मेहमाननवाजी के लिये बहुत मशहूर थे। जब उनके निमंत्रण पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम उनके निवास “मोती बाग महल” पर आये थे, तो राजा ने उनके स्वागत-सत्कार के लिये जो इंतजाम किया था वह किसी को भी हैरान कर सकता है। विशेष रूप से निर्मित सोने के थालों में उनके भोजन का प्रबंध किया गया था।

शराब आदि को परोसने के लिये जिन पात्रों का उपयोग किया गया था, वह सब बेशकीमती रत्नों से जडे हुए थे, वस्त्रों के रूप में महँगे और मखमली रेशमी वस्त्रों का प्रयोग किया गया था। राजा भूपिंदर सिंह की पत्नी बख्तावर कौर ने किसी रानी के प्रथम भारत दौरे के उपलक्ष में रानी मेरी को एक बेशकीमती व भव्य हार भारतीय स्त्रियों की ओर से तब प्रदान किया था जब वह सन 1911 में आयोजित हुए जलसे, दिल्ली दरबार में शरीक हुई थीं।

जिसका आयोजन इसलिये किया गया था, क्योंकि इतिहास में पहली बार ब्रिटेन के राजा और रानी भारत भ्रमण पर आ रहे थे। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाo राजेंद्र प्रसाद ने भी पटियाला के महाराज के विशेष चाँदी से निर्मित रथ पर सवार होकर राष्ट्रपति भवन के अंदर प्रवेश किया था।

5. Jaipur King in Hindi जयपुर के राजा माधो सिंह II

Weird King of Jaipur in Hindi: जयपुर नरेश सवाई माधो सिंह द्वितीय भी अपनी एक विचित्र आदत के कारण काफी मशहूर हुए थे। बात यह थी कि महाराज गंगाजल को बहुत महत्व देते थे और उसका नियमित सेवन करते थे। लेकिन जब वह ब्रिटेन की यात्रा पर जा रहे थे, तो इस कारण एक बड़ी समस्या उठ खड़ी हुई। क्योंकि वहाँ पर उनका कई दिनों तक रूकने का कार्यक्रम था और उसके लिये बड़ी मात्रा में गंगाजल की आवश्यकता पड़नी थी।

लेकिन ऐसा कोई बर्तन नहीं था, जिसमे भरकर इतना अधिक गंगाजल लाया जा सकता, जो उस अवधि के लिये पर्याप्त हो। इस समस्या के समाधान के लिये दरबारियों से विचार-विमर्श कर राजा ने जयपुर के कारीगरों को शुद्ध चाँदी से निर्मित, दो ऐसे बहुत बड़े बर्तन बनाने का आदेश दिया, जिसमे गंगाजल भरकर वे अपने साथ इंग्लैंड की यात्रा पर ले जा सकें।

इन बर्तनों को निर्मित करने के लिये चाँदी के लगभग 14000 सिक्कों को पिघलाया गया और उन्हें बहुत ही कुशलता से इस तरह बनाया गया कि उनमे कोई जोड़ न रहे। ये बर्तन गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दुनिया के सबसे बड़े शुद्ध चाँदी से निर्मित बर्तनों के रूप में आधिकारिक रूप से दर्ज हैं।

6. Javra King in Hindi जावरा के नवाब इफ्तिखार अली

Weird King of Javra in Hindi: जावरा रियासत (मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के समीप) के नवाब मोहम्मद इफ्तिखार अली खां रियासत के कामकाज से संबंधित सारे निर्णय छह पागलों से परामर्श करने के बाद ही करते थे। न तो वह स्वयं और न ही उनकी कैबिनेट का कोई मंत्री जरुरी मामलों का निर्णय करता था। यह पागल सलाहकार जो हमेशा पागलों की तरह अँगूठा चूसने, विचित्र आदतों वाले और गंदगी से रहने वाले थे, एक पागलखाने से लाये गये थे।

नवाब के मन में यह पक्का विश्वास था कि पागलखाने के लोग ही सच्ची और निष्पक्ष राय दे सकते हैं। इससे भी बड़ी बात यह थी कि यह पागल मुँह से कुछ नहीं बोलते थे, बल्कि सिर्फ हाथ और सिर से इशारा करते थे जिन्हें समझकर नवाब रियासतों के मामलों का फैसला करते थे। यहाँ तक कि क़त्ल, डकैती समेत दीवानी और फौजदारी के मामलों में भी उनकी ही सलाह ली जाती थी।

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Stories of Indian Kings in Hindi

7. Kapurthala King in Hindi कपूरथला नरेश जगतजीत सिंह

Weird King of Kapurthala in Hindi: कपूरथला रियासत के शासक महाराज जगतजीत सिंह भी भारत के अत्यंत विलासी शासकों में से एक रहे हैं। उन्हें अत्यंत महँगे, कीमती और विलक्षण वस्त्र पहनने का विचित्र शौक था। महाराज की सभी पोशाकें उस समय के सबसे महँगे लक्ज़री मेगा-ब्रांड के रूप में विख्यात लुइस वुईट्टन द्वारा ही तैयार की जाती थीं, जो जगतजीत सिंह के लिये एक से एक अद्भुत डिजाईन के बेशकीमती वस्त्र तैयार करता था।

घूमने-फिरने के बहुत शौक़ीन जगतजीत सिंह के पास लुइस वुईट्टन के लगभग 60 से भी अधिक बड़े बक्से थे, जिनमे उनके कपडे, पगड़ियाँ, तलवारें, सूट, जूते, पारंपरिक वस्त्र और निजी सामान शामिल थे। महाराज के पास प्रत्येक अवसर पर पहनने के लिये अलग-अलग तरह की पोशाकें थीं, शायद ही वह किसी पोशाक को दूसरी बार पहनना पसंद न करते थे।

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8. Bharatpur King in Hindi भरतपुर के राजा किशन सिंह

Weird King of Bharatpur in Hindi: भरतपुर के राजा किशन सिंह भी भारत के कुछ सनकी और बेहद लापरवाह शासकों में से एक थे। इन्हें रोजाना रियासत के काम देखना कतई पसंद न था। यह सिर्फ रविवार के दिन ही सरकारी काम निपटाना पसंद करते थे। इनके आदेशानुसार महल के कॉन्फ्रेंस रूम में लगी एक बहुत बड़ी मेज पर रविवार के दिन सप्ताह भर की सारी फाइलें, जिनमे फौजदारी और दीवानी के मुकदमे, अफसरों की तैनाती और बर्खास्तगी और भारत सरकार के राजनीतिक विभाग के मामले होते थे, लगा दिए जाते थे।

फिर रात को डिनर करने और शराब पीने के बाद महाराजा अपनी सभी रानियों से फाइलों के दो ढेर बनाने के लिये कहते। उसके बाद फाइलों को बिना देखे और पढ़े, एक ही झटके में महाराजा एक ढेर की फाइलें मंजूर और दूसरे ढेर की नामंजूर करने की हिदायत अपने सेक्रेटरी को दे देते थे। अगले दिन उसी अनुरूप फैसला सुना दिया जाता था।

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9. Rampur King in Hindi रामपुर के नवाब हामिद अली

Weird King of Rampur in Hindi: रामपुर के नवाब सैय्यद मोहम्मद हामिद अली खां बहादुर यूँ तो एक विद्वान, दयालु और समझदार शासक थे, लेकिन उन्हें एक विचित्र सनक थी। वह रियासत के रोजमर्रा के जरुरी काम अपने शौचालय में ही निपटाते थे। अक्सर ही मंत्रिमंडल की बैठकें शौचालय में हुआ करती थीं, जहाँ नवाब नियम से दो घंटे सुबह और दो घंटे शाम को बैठा करते थे।

शौचालय के बैठने की जगह का डिजाइन भी रियासत के चीफ इंजिनियर ने इस तरह से बनाया था कि नवाब बड़े आराम से शौच भी करते रहें और दूसरा कोई आदमी भी उन्हें देख न सके। शौचालय के कदमचे भी एक ऊँचे चबूतरे की शक्ल में बनाये गये थे। सप्ताह में दो दिन होने वाली कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री आदि लोग अक्सर उस शौचालय रुपी कमरे में जाकर ही नवाब से मशविरा करते थे।

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10. Weird Gay Prince in Hindi राजकुमार मानवेन्द्र सिंह

Weird Story of Prince in Hindi: राजकुमार मानवेन्द्र सिंह गोहिल किसी राजवंश से संबंधित पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिसने स्वयं सामने आकर यह तथ्य उजागर किया कि वह समलैंगिक यानि ‘गे’ है। हालाँकि उससे पहले भी राजवंशों के कुछ सदस्य यहाँ तक कि कुछ नरेश भी समलैंगिक रहे हैं जिनके बारे में दीवान जरमनीदास ने अपनी पुस्तक महाराजा में लिखा है।

राजकुमार मानवेन्द्र सिंह की इस स्वीकारोक्ति के बाद राजपरिवार ने भी यह कहते हुए उनका परित्याग कर दिया कि ऐसा कहकर उन्होंने परिवार के मान-सम्मान को ठेस पहुँचायी है।

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“परोपकारी बन जाइये, इससे पहले कि धन-संपत्ति आपको लोभी बना दे।”
– थॉमस ब्राउन

 

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