1st World War Facts in Hindi

 

“1st World War, 1914 से 1918 तक लगभग हर महाद्वीप और हर महासागर में लड़ा गया था, हालाँकि ज्यादातर युद्ध यूरोप में ही हुए थे। संसार के इतिहास में First World War छठा सबसे खतरनाक संघर्ष है।”

 

प्रथम विश्व युद्ध के इतिहास के बारे में हमने आपको History of First World War in Hindi में विस्तार से बताया था। आज हम आपको World War 1 से ही जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को बतायेंगे, जिन्हें आपने अभी तक कहीं नहीं पढ़ा होगा। World War 1 Facts in Hindi और प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास, इन दो लेखों को पढने के पश्चात आपको दूसरे किसी लेख को पढने की आवश्यकता नहीं रहेगी, ऐसा हमारा विश्वास है। तो चलिये जानतें हैं, इस महायुद्ध से जुडे कुछ विचित्र और अविश्वसनीय तथ्य –

वर्ल्ड वार 1 से जुडी कुछ जरुरी बातें

और बच्चों ने हिस्सा लिया था, जिनमे से 250,000 सिर्फ ब्रिटेन से थे। इन किशोर सैनिकों में से ज्यादातर अपनी उम्र छिपाकर और झूठ बोलकर इसलिये शामिल होते थे, क्योंकि वह अपने देश से प्यार करते थे।

2. कुछ इसलिये भी शामिल हुए ताकि उन्हें अपने गरीब और दुखी जीवन से छुटकारा मिल सके। सबसे छोटा ब्रिटिश सैनिक सिर्फ 12 साल का था जिसका नाम सिडनी लेविस था।

3. पत्रकारों (जर्नलिस्ट) को युद्ध की रिपोर्टिंग करने से रोकने के लिये, कई देशों ने उनके युद्ध क्षेत्र में घुसने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। क्योंकि शासन तंत्र युद्ध के हालातों की जानकारी बाहर नहीं आने देना चाहता था।

4. ब्रिटेन में तो यह नियम बना दिया गया था कि अगर कोई पत्रकार ऐसा करते पकड़ा गया तो उसे फाँसी की सजा दे दी जायेगी। लेकिन इन चेतावनियों के बावजूद कई साहसी पत्रकार युद्ध की खबरे और सैनिकों की बुरी दशा का हाल बाहर लाने में कामयाब हो गये।

5. एडिथ केवेल एक ब्रिटेन नर्स थीं जिन्होंने दोनों ओर के सैनिकों की जान बचायी। जब वह मित्र देशों के सैनिकों को जर्मनी के कब्जे वाले बेल्जियम से भागने में मदद कर रही थी, तो जर्मन सेना ने उन्हें पकड़ लिया और फिर जर्मन सेना की एक टुकड़ी ने उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। उनकी मौत ने दुनिया भर के देशों के अन्दर जर्मनी के प्रति नकारात्मक भावना भर दी।

 

World War 1 Strategical Facts in Hindi

6. First World War में ट्रेन्चों का जाल, इंग्लिश चैनल से लेकर स्विट्ज़रलैंड तक लगभग 25,000 मील यानि 40,200 किमी की दूरी तक विस्तृत था। इस पूरे क्षेत्र को ही वेस्टर्न फ्रंट कहा जाता था। जर्मनी की ट्रेंच, मित्र राष्ट्रों की खंदकों की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतरीन थी। इनमे बेड, फर्नीचर, कप बोर्ड, बिजली के बल्ब और पानी की टंकी की सुविधा थी। यहाँ तक कि उनमे से कुछ में तो खुलने बंद होने वाली खिड़कियाँ और डोरबेल तक थी।

7. सन 1917 में कुछ ब्रिटिश क्रिप्टोग्राफर उस टेलीग्राम को पढने में सफल हो गये, जो जर्मनी के विदेश सचिव आर्थर ने मेक्सिको में जर्मनी के मंत्री को भेजा था। इस टेलीग्राफ का उद्देश्य मेक्सिको को अमेरिका पर हमला करने के लिये उकसाना था। अंग्रेजों ने इस सन्देश को अमेरिका से एक महीने से ज्यादा समय तक छिपाये रखा। क्योंकि वह उसे अमेरिका को तभी दिखाना चाहते थे, जब अमेरिका युद्ध में उनकी ओर से लड़ता।

8. एफिल टावर जो एक वायरलेस टावर के रूप में इस्तेमाल होता आया है, के द्वारा जर्मनी के रेडियो मैसेज को इंटरसेप्ट किया गया जिससे डच नर्तकी और जर्मन जासूस माता हीरी का भेद खुला और उसे सूली पर लटका दिया गया। माता हीरी का वास्तविक नाम मार्गरेथा ज़ेल्ले था। हालाँकि उसने हमेशा एक स्पाई होने आरोपों को नकारा, लेकिन फिर भी फेंच सेना ने 1917 में उसे मार ही डाला।

9. जर्मनों को युद्ध के दौरान भेजे जाने वाले कूट संदेशों को पकड़ने और उन्हें हल करने में महारत हासिल थी। यहाँ तक कि उन्होंने कई बार संदेशवाहकों को भी पकड़ लिया था।

वर्ल्ड वार 1 में हुआ था जानवरों का इस्तेमाल

10. युद्ध में संदेशों और गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये 500,000 पालतू कबूतरों का भी इस्तेमाल हुआ था। कबूतरों के समूह को युद्ध के मोर्चों पर जाने और वहाँ से लौटने के लिये प्रशिक्षित किया जाता था। युद्ध क्षेत्र में जहाँ उन्हें सन्देश पहुँचाना होता था, उस क्षेत्र में एक सुरक्षित स्थान पर उन्हें पैराशूट के जरिये नीचे उतार दिया जाता था और उन्हें तब तक रोककर रखा जाता था, जब तक कि सैनिक उन्हें सन्देश देकर वापस नहीं भेज देते थे।

11. सन 1918 में चेर एमी नाम के एक कबूतर ने गोली से घायल होने के बावजूद समय पर सन्देश पहुँचाकर 200 अमेरिकी सैनिकों की जान बचायी थी।

12. खदंकों में उड़ने वाली तितलियों को टॉयलेट पेपर के रूप में भी अक्सर इस्तेमाल किया जाता था।

13. युद्ध के दौरान कुत्तों को सन्देशवाहक के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता था। जिनके शरीर पर उन कैप्सूलों को बाँध दिया जाता था, जिनमे सन्देश लिखा रहता था। इसके अलावा उन्हें टेलीग्राफ के तार बिछाने के काम में भी लाया जाता था। वहीँ छोटे शिकारी कुत्तों को चूहों का शिकार करने पर लगाया गया था।

 

1st World War Plans in Hindi

14. उन व्यवसायिक जहाजों को जो युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के लिये रसद और लड़ाई का सामान लेकर आते थे, दुश्मनों के तारपीडों से बचाना एक टेढ़ी समस्या थी। ब्रिटिश रॉयल नेवी के एक वालंटियर नार्मन विलकिंसन, जो एक कलाकार था ने सुझाव दिया कि जहाजों को बड़े और तीखे रंगों से रंग जाय। यह शत्रु को धोखे में डालने के लिये इस्तेमाल होने वाली सामान्य विधि से अलग था और इससे जहाजों को छिपाने के स्थान पर दुश्मनों को भ्रमित किया जाता था।

15. First World War के दौरान अमेरिकी नेवी ने भी जहाजों पर, ज्यामितीय आकृतियों के जटिल पैटर्न रंग्वाये थे, ताकि दुश्मन जहाजों को चकमा दिया जा सके।

16. 1st World War के दौरान शुरुआत में खतरनाक गैसों के आक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय था – सैनिक का अपने ही मूत्र से भीगा हुआ कपड़ा अपने मुँह पर बांधना। यह सुनने में बड़ा घ्रणित लग सकता है, लेकिन पूरी तरह सच है। ब्रिटिश ऑफिसर एडवर्ड हैरिसन ने ही पहली बार एक कामचलाऊ गैस मास्क बनाया था, जिसने युद्ध के दौरान हजारों सैनिकों की जिंदगियाँ बचायीं।

17. मोतियाबिंद के कुछ रोगियों के अन्दर अल्ट्रा-वायलेट रौशनी के प्रति असाधारण संवेदनशीलता थी। ऐसे लोगों का उपयोग First World War के दौरान फ़्लैश करने वाले अल्ट्रा-वायलेट बीकन को पहचानने के लिये हुआ था।

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प्रथम विश्व युद्ध में दिखा था हवा और पानी में युद्ध का कौशल

18. हालाँकि पहली मिलिटरी पनडुब्बी जिसका नाम टर्टल था, का इस्तेमाल कॉन्टिनेंटल आर्मी ने अमेरिका के विद्रोह के दौरान किया था। लेकिन इनकी असली ताकत का पता First World War में ही चला था। उस समय जर्मनी ने अपनी पनडुब्बियों जिन्हें U-boats कहा जाता था, का दक्षतापूर्वक इस्तेमाल करके दुश्मन ख्मे में हलचल मचा दी थी। जर्मनी की पनडूब्बियां ज्यादातर समय सतह पर रहती थी और सिर्फ जहाजों पर तारपीडों से हमला करने के समय ही पानी के अन्दर जाती थीं। जर्मनी के अंधाधुंध पनडुब्बी हमलों के कारण भी अमेरिका को युद्ध में शिरकत करनी पड़ी थी।

19. पूरे First World War के दौरान जर्मनी की 274 U-boats पनडुब्बीयों ने 6,596 जहाज डुबोये थे। पाँच सबसे सफल U-boats थी – U-35 U-39, U-38, U-34 और U-33, जिन्होंने क्रमशः 224, 154, 137, 121 और 84 जहाज डुबोये थे। इनमे से ज्यादातर तट के निकट और इंग्लिश चैनल की समा में डूबी थीं।

20. ओशन लाइनर ओलम्पिक जो टाईटेनिक का साथी जहाज था, एकमात्र ऐसा व्यवसायिक जहाज था जिसने दुश्मन देश का एक युद्धपोत U-103 डुबो दिया था।

21. First World War से युद्ध लड़ने के एक नये कौशल का जन्म हुआ, जिसमे टैंकों, जहरीली गैसों जैसे हथियारों की महत्ता का पता चला। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान जिस पर गया, वह था वायु शक्ति का विकास। जिसके बल पर थोड़े ही समय में युद्ध का पूरा दृश्य बदला जा सकता था।

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Weird Facts about 1st World War in Hindi

22. सन 1914 में क्रिसमस के अवसर पर वेस्टर्न फ्रंट पर उपस्थित दोनों ओर के सैनिकों ने, एक दूसरे के साथ मिलकर हर्ष के गीत गाये थे। क्रिसमस के ही दिन दो तिहाई से ज्यादा सेना ने अस्थायी युद्ध विराम घोषित कर दिया था। यहाँ तक कि कुछ जगहों पर तो यह युद्ध विराम लगभग 1 सप्ताह तक चला था। लेकिन एक साल बाद दोनों ओर के संतरियों को इस बात के लिये विशेष आदेश दिए कि वह दोबारा ऐसा करने का प्रयास करने वाले किसी भी आदमी को निःसंकोच गोली मार दे। सच में यह कदम मूर्ख शासकों की मूर्खता का चरम स्तर था।

23. First World War बीतने के कई वर्ष बाद सन 1964 में जर्मन सरकार ने पूर्वी अफ्रीका के उन सैनिकों को वेतन देने का निश्चय किया, जो युद्ध में उनकी ओर से लडे थे। लेकिन ज्यादातर सैनिकों के पास युद्ध में लड़ने का कोई प्रमाण नहीं था, इसलिये उन्हें जर्मन हथियारों को देकर उन्हें चलाने को कहा गया, ताकि सिद्ध हो सके कि वास्तव में उन्होंने ही युद्ध लड़ा था और आश्चर्यजनक रूप से उन सैनिकों में से कोई भी असफल नहीं हुआ।

24. ‘Dogfight’ शब्द ही प्रथम विश्व युद्ध की ही देन है। उड़ान के दौरान पायलटों को हवाई जहाज के इंजन को बार-बार बंद करना पड़ता था, ताकि जब जहाज हवा में अचानक से मुड़े, तो यह बंद न हो जाय। जब पायलट हवा में रहते हुए ही अपना इंजन फिर से शुरू करता था, तो यह कुत्ते के भौकने जैसी आवाज निकलता था।

25. जब युद्ध अपने चरम पर था, उस समय ब्रिटिश सेना के पास 87,0000 घोड़े थे। जब घोड़े मर जाते थे, तो उन्हें पिघलाकर उनकी चर्बी निकाल ली जाती थी जिसे बाद में विस्फोटक बनाने के लिये प्रयोग किया जाता था। सच में यह क्रूरता की हद ही थी!

26. कार्ल मुलर, जो First World War के दौरान एक जर्मन युद्धपोत के कप्तान थे, ने दुश्मनों के व्यवसायिक जहाजों को डुबोने से पहले उस पर सवार यात्रियों को अपना सामान लेकर उतरने के लिये पर्याप्त समय दिया था। यह घटना मुश्किल समय में भी उदारता की झलक दिखाती है।

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World War Facts in Hindi युद्ध से जुड़े अविश्वसनीय तथ्य

27. First World War के दौरान हंगरी के एक सैनिक पॉल कर्न के मस्तिष्क में सामने की ओर गोली लग गयी थी, जिसके कारण वह सो नहीं पाता था। युद्ध के बाद भी वह कई साल तक जीवित रहा, लेकिन कोई नहीं जान पाया कि ऐसा आखिर कैसे हुआ था।

28. First World War के दौरान कनाडाई सैनिक, एक विचित्र मगर अनोखे उपाय से पहले रासायनिक हमले से बच गये थे। वह अपने रुमालों पर पेशाब करके, फिर उन्हें अपने मुँह पर मास्क के रूप में बाँध लेते थे।

29. जब सैनिक युद्ध खत्म होने के बाद वापस लौटे, तो कई देशों में एक बेबी बूम आ गया। उदाहरण के लिये ब्रिटेन में सन 1918 से 1920 की अवधि के दौरान बच्चों की जन्म दर 45 प्रतिशत तक बढ़ गयी।

30. हेरोइन जो सबसे प्रसिद्ध और बेहद महँगा मादक पदार्थ है, की खोज प्रसिद्ध फार्मा कंपनी बायर ने की थी और First World War तक यह इसे खांसी की दवा के रूप में बेच रही थी।

31. First World War के दौरान फ्रांस ने अपनी राजधानी को बचाने के लिये उसके ही पास एक नकली पेरिस बसाया था, ताकि जर्मन पायलटों को धोखा दिया जा सके।

32. First World War के बाद कई वर्षों तक जर्मनी में साइकिल के लिये टायर धातु से बनाये जाते थे, क्योंकि अब रबर बची ही नहीं थी।

33. First World War बीतने के बाद ऑस्ट्रेलियाई सेना ने “ग्रेट एमू वार’ छेड़ दिया। जिसका उद्देश्य था मशीन गनों से शुतुरमुर्ग जैसे ऊँचे कद वाले पक्षी एमू को खत्म करना। लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद भी आखिर में एमू ही जीत गये।

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Amazing Facts about World War 1 in Hindi

34. First World War में अमेरिका का सबसे ज्यादा अलंकृत और खुशकिस्मत सैनिक था, एल्विन कल्लुम यॉर्क (1887-1964) जिसने जर्मन सेना पर 32 मशीन गन लेकर धावा बोला, 28 जर्मन सैनिक मारे और 132 से ज्यादा कैद किये थे। वह अपने साथ सम्मान सूचक मैडल, सार्जेंट पद पर प्रमोशन और 400 एकड़ अच्छे कृषि योग्य फार्म का उपहार लेकर घर लौटा।

35. हमने हिटलर को अक्सर बेहद छोटी मूंछों में ही देखा है, लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जायेंगे कि हिटलर को पूरी और लम्बी मूंछे रखने की आदत थी। लेकिन First World War के दौरान उसे अपनी मूंछे कटाकर टूथब्रश जैसी मूंछे रखने का आदेश दिया गया था, ताकि वह युद्ध के दौरान गैस मास्क अच्छी तरह से पहन सकें।

36. अडोल्फ़ हिटलर जिनके कारण Second World War हुआ था, ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जहरीली गैसों का प्रयोग करने से इंकार कर दिया था। क्योंकि वह First World War में इसकी चपेट में आ गया था।

37. First World War के दौरान बेल्जियम के शासक अल्बर्ट I ने एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया था। वह अपने सेना के साथ मोर्चे पर लड़ रहे थे और उनकी पत्नी रानी एलिसाबेथ, वहीँ एक नर्स के रूप में सैनिकों की परिचर्या कर रही थी।

38. First World War के दौरान जब स्टील की कमी हो गयी थी, तो कंक्रीट के जहाज भी तैयार किये गये थे। उनमे से 10 आज भी तैर रहे हैं, हालाँकि यह सभी ब्रिटिश कोलंबिया के एक छोटे तटीय कस्बे में हैं।

39. युद्ध के दौरान फ्रंट लाइन में हर सप्ताह लगभग 1.2 करोड़ पत्र भेजे जाते थे। युद्ध के समाप्त होने तक 200 करोड़ पत्र और 14 करोड़ पार्सल इधर से उधर भेजे गये थे।

40. खदंकों में रहने के दौरान सैनिकों ने ऐसे कई शब्द गढ़े जिन्हें बाद में ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी में भी स्थान मिला।

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Rare World War 1 Facts विश्व युद्ध से जुड़े दुर्लभ तथ्य

41. सन 1917 में जर्मनों के खिलाफ उमड़ी ब्रिटेन वासियों की उग्र भावनाओं के कारण ब्रिटेन की कई सड़कों और इमारतों का नाम बदला गया।

42. विश्व युद्ध के दौरान अलग-अलग देशों में समय-समय पर लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों ने युद्ध से संबंधित भाषण दिए थे।

43. टैपिंग विद्रोह के दौरान जितने लोग मरे थे, वह भी First World War में मरने वाले लोगों के बराबर ही थे।

44. First World War के दौरान वेस्टर्न फ्रंट पर खंदकों को खोदने के लिये, ब्रिटिश सेना ने 90,000 चीनी श्रमिकों को काम पर लगाया था।

45. सिर्फ पश्चिमी फ्रंट पर ही 25,000 मील से ज्यादा लम्बी टेढ़ी-मेढ़ी ट्रेंच खोदी गयी थीं, जिनमे से कई का नामकरण मशहूर लोगों और स्थानों के आधार पर किया गया था।

46. आधिकारिक रूप से ज्यादातर सैनिकों को युद्ध में लड़ने के लिये कम से कम 19 साल का होना जरुरी था, लेकिन कई बार लोग झूठ बोलकर भी सेना में भर्ती हो जाते थे।

47. ऐसा माना जाता है कि खंदकों के अन्दर रहने वाले सैनिक काफी अंध विश्वासी थे। अनेकों का यह मानना था कि खंदकों के उपर कई देवदूतों ने प्रकट होकर उनकी आपत्तियों से रक्षा की। कुछ के अनुसार उन्होंने भूतों की सेना भी देखी थी।

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Important World War 1 Facts in Hindi

प्रथम विश्व युद्ध लाया था चिकित्सा जगत में क्रांति

48. घायल सैनिकों की जान बचाने के लिये स्वस्थ सैनिकों का खून घायलों को नियमित रूप से चढ़ाया जाता था। खून की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये अमेरिकी सेना के चिकित्सक कैप्टेन ओसवाल्ड जॉनसन ने सन 1917 में वेस्टर्न फ्रंट पर एक Blood Bank की स्थापना की, जहाँ सोडियम सिट्रेट का प्रयोग करके खून को जमने से रोका जाता था। ब्लड बैंक पहली बार 1st World War में ही इस्तेमाल हुए थे।

49. प्लास्टिक सर्जरी का आविष्कार भी 1st World War के दौरान ही हुआ था। प्रख्यात ब्रिटिश सर्जन हैरोल्ड गिल्लीस ने कई सैनिकों, जिनके चेहरे धातुओं के रुक्ष और असमान टुकड़े घुसने के कारण बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाते थे, को इसी प्रकार से ठीक किया। डा. हैरोल्ड की इस तकनीक ने ही Facial Reconstructive Surgery की आधारशिला रखी।

50. First World War ने चिकित्सा जगत को विकसित करने में भी अहम् भूमिका निभाई। Emergency Medical Care, Intensive Care Unit और सर्जरी के तेज और सरल तरीकों की तरफ दुनिया भर के चिकित्सकों का ध्यान गया और वह उन चिकित्सा उपकरणों की खोज में लग गये, जो इंसानों की बीमारियों की तेजी से पहचान कर उन्हें ठीक करने में मददगार सिद्ध हो सके।

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प्रथम विश्व युद्ध और स्त्रियों पर पड़ा प्रभाव

51. युद्ध से सिर्फ पुरुष ही प्रभावित हुए हों, ऐसी बात नहीं है। ब्रिटेन समेत युद्ध में भाग लेने वाले कई यूरोपीय देशों में लगभग 30 लाख से ज्यादा स्त्रियों को घरों की दहलीज लाँघकर, पुरुषों के लिये निर्धारित कामों को करना पड़ा। क्योंकि उस समय पुरुषों की ज्यादातर युवा और प्रौढ़ आबादी युद्ध के मोर्चे पर व्यस्त थी।

52. महिलाओं को अक्सर खराब परिस्थितियों में और लम्बे समय तक जहरीले और खतरनाक रसायनों के साथ काम करना पड़ता था। उन स्त्रियों की दशा विशेषकर अधिक खराब थी, जिन्हें TNT जैसे रसायन को हैंडल करना पड़ता था। इस रसायन के संपर्क में आने पर उनकी त्वचा पीली पड़ जाती थी और उसकी वाष्प से जहरीला पीलिया हो जाता था।

53. ‘Hello Girls’ जैसा कि अमेरिकी सैनिक उन्हें बुलाते थे, वह अमेरिकी स्त्रियाँ थीं, जो यूरोप में मरने वाले सैनिकों के लिये टेलीफोन ऑपरेटर का काम करती थीं। ये महिलाऐं फ्रेंच और इंग्लिश भाषा में वार्तालाप करने में बेहद कुशल थीं और इस काम के लिये इन्हें अमेरिका की टेलीफोन और टेलीग्राफ कंपनी ने विशेष रूप से प्रशिक्षित किया था। सन 1979 में अमेरिकी सेना ने उस समय तक जीवित रहने वाली हेल्लो गर्ल्स को युद्ध स्मृति मेडलों से सम्मानित किया था।

54. First World War के बाद स्त्रियों की दशा में बड़ा बदलाव आया, क्योंकि पहली बार स्त्रियों ने उन कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था, जिन्हें पहले पुरुषों के करने लायक ही समझा जाता था। उनकी समझ, कौशल और नेतृत्व को एक नयी पहचान मिली। इसी के फलस्वरूप उन्हें ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में वोट देने का अधिकार भी प्राप्त हुआ।

55. इसके अलावा First World War से अमेरिका में निवास करने वाले उन अफ़्रीकी अमेरिकन लोगों की दशा भी सुधरी, जिनसे पहले गुलामों की तरह और फिर एक दोयम नागरिक के रूप में बर्ताव किया जाता था। उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिये और आजीविका के लिये श्वेतों जैसे साधन उपलब्ध कराने के लिये अनेकों ने आवाजें उठायीं।

 

World War 1 Food Facts in Hindi

56. जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंचता गया, वैसे-वैसे सैनिकों को दिए जाने वाले भोजन में भी कमी आती चली गयी। आम तौर पर सैनिकों को भोजन में पुदीने, आलू और गाजर के बने हुए मैकोनोकी दिए जाते थे। इसके अलावा कभी-कभार उन्हें बैलों का मांस और यहाँ तक कि गिलहरी भी परोसी जाती थी। इसके अलावा चाय भी दी जाती थी, लेकिन उसका स्वाद बेहद खराब होता था, क्योंकि पानी को चूने से शुद्ध किया जाता था।

57. हर्बर्ट हूवर जो 1929 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने, First World War के दौरान अमेरिका के खाद्य प्रशासक थे। उनकी जिम्मेदारी अमेरिकी सेना और इसके सहयोगियों को भोजन उपलब्ध कराना थी। उन्होंने अमेरिकियों को जीत के बगीचे “Victory Gardens” लगाने को कहा। लगभग 2 करोड़ अमेरिकियों ने घरों में अपने बगीचे लगाये। इससे अमेरिका में भोजन का उपभोग 15 प्रतिशत तक घट गया था।

58. सन 1917 में ब्रिटेन में अचानक भोजन की कमी पड़ गयी, क्योंकि जर्मनी की विध्वंसक नौकाओं ने ब्रिटेन के कहाजी बड़े को काफी नुकसान पहुँचाया था। अन्न बचाने के लिये सरकार ने शादियों में चावल के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया और कबूतरों को दाना डालने पर भी पाबन्दी लगा दी।

भोजन और दूसरी सामग्री से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य

59. चार वर्षों की अवधि के दौरान लगभग 2.5 करोड़ टन सामग्री, पश्चिमी फ्रंट पर डटी ब्रिटिश सेना को भेजी गयी थी। जिसमें से 30 लाख टन भोजन की सामग्री थी और 50 लाख टन घोड़ों के लिये जौ और सूखा चारा था।

60. First World War के दौरान, पुर्तगाली सैनिकों की एक पूरी टुकड़ी पूरे तीन दिन तक बिना कुछ खाये-पीये लड़ी थी। यह बात कुछ जर्मन सैनिकों ने युद्ध खत्म होने पर बतायी थी।

61. सन 1914 में पास हुए Defence Of The Realm Act के तहत ब्रिटेनवासियों को फोन पर किसी विदेशी भाषा में बात करने की सख्त मनाही थी। यहाँ तक कि पबों को रात में 10 बजते ही बंद कर दिया जाता था और शराब में पानी मिलाकर परोसा जाता था।

62. First World War के दौरान अमेरिका ने मित्र देशों की सहायता करने के लिये 75 लाख टन सामग्री फ्रांस भेजी थी। जिसमे 70,000 घोड़े और खच्चर, लगभग 50,000 ट्रक, 27,000 बोझा ढोने वाली गाड़ी और 1,800 रेल इंजन शामिल थे।

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1st World War Literature Facts in Hindi

63. First World War के बाद ऐसी अनेक महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनायें भी लिखी गयी, जिनका केंद्र बिंदु और प्रेरणा यह युद्ध ही था। इनमे मुख्य हैं – जॉन मैकक्रे की ‘इन फ़्लैंडर्स फील्ड’, टी. एस. इलिअट की ‘वेस्ट लैंड’, अर्नेस्ट हेमिंग्वे की ‘ फेयरवेल टू आर्म्स’, और विल्फ्रेड ओवन की दुखद कविता ‘एंथम फॉर डूम्ड यूथ’।

64. प्रसिद्ध लेखक हघ लोफ्टिंग अपने बच्चों को युद्ध की भयंकर परिस्थितियों के बारे में पत्र में नहीं बताना चाहते थे, इसीलिये वह बच्चों को पत्रों में काल्पनिक कथा लिखते थे। जिसमे अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध की स्थितियों का वर्णन लिखा होता था, बाद में यह पत्र ही आगे चलकर डॉ डूलिटल की कहानियाँ बनीं।

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प्रसिद्ध लेखकों ने भी लड़ा था वर्ल्ड वार 1

65. युद्ध के दौरान कई प्रसिद्ध लोगों को भी मोर्चे पर लड़ने जाना पड़ा। इनमे से मुख्य थे – प्रसिद्ध लेखक ऐ. ऐ मिलने, लार्ड ऑफ द रिंग्स के लेखक जे. आर. आर. टोल्किन, मूर्तिकार हेनरी मूर और एक्टर बेसिल रथबोन।

66. सर आर्थर कानन डॉयल जो प्रसिद्ध उपन्यास शेरलोक होम्स के रचयिता थे, ने भी First World War के दौरान होने वाली भर्तीयों के लिये 55 की उम्र होने के बावजूद, अपना नाम कुछ इन शब्दों में लिखाने का प्रयास किया था – “मै 55 का हूँ, लेकिन मै बहुत शक्तिशाली और मजबूत हूँ, और मै बहुत दूर तक अपनी आवाज पहुँचा सकता हूँ।”

67. ब्रिटिश लेखक टी. ई. लारेंस जिन्हें अरब का लारेंस भी कहा जाता है, ने मध्य पूर्व में मित्र राष्ट्रों की इंटेलिजेंस में काम किया था। उन्होंने तुर्कों के विरुद्ध एक अरब विद्रोह का भी नेतृत्व किया और इसके बारे में अपनी पुस्तक सेवन पिलर्स ऑफ विजडम में लिखा।

आगे पढिये 400 से भी ज्यादा पालतू और जंगली जानवरों के नाम – Animals Name in Hindi & English

References:
1. विश्व युद्ध की शुरुआत
2. विश्व युद्ध
3. मित्र राष्ट्र

“World War 1 के दौरान अमेरिकियों में जर्मनी के प्रति इतनी घृणा पनप गयी थी कि कई जगहों का नाम भी बदलना पड़ गया था। वह इसलिये क्योंकि उन जगहों का नाम जर्मनी के शहरों के नाम पर था। स्कूलों में जर्मन भाषा पढ़ाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया और जर्मन भाषा की किताबें जला दी गयीं।”
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